
वर्ल्ड बैंक ने इंडियन इकोनॉमी को लेकर एक अच्छी खबर दी है। वर्ल्ड बैंक ने इंडियन इकोनॉमी के लिए चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। इससे पहले अक्टूबर में इसने GDP अनुमान को पहले के 7.5% से घटाकर 6.5% किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में औसत महंगाई दर 7.1 फीसदी रहेगी।
जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से बेहतर
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस वजह से पूरे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में भारत की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की दूसरी जुलाई-सितंबर की तिमाही में अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
औसत महंगाई 7.1 फीसदी रहने का अनुमान
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत का ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रहा था। सरकार का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी से 7 फीसदी के बीच रह सकता है। औसत महंगाई दर का अनुमान 7.1 फीसदी रखा गया है। बता दें कि, अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.77 फीसदी रही थी।
विदेश में हो रहे घटनाक्रमों का भारत पर असर
विश्व बैंक ने कहा, ‘‘अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है।” हालांकि, विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
क्या होती है जीडीपी(GDP)
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या गिरावट आई है।