
पल्लवी वाघेला-भोपाल। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पत्नी ने पति को यह कहते हुए घर से निकाल दिया कि जब नौकरी करने लगो तब वापस आना। दंपति की लव मैरिज है और दो साल की बेटी भी है। पत्नी ने बताया कि दोनों का ऑफिस एक ही कैंपस में था और पति ने झूठ बोला था कि वह एमबीए है। उसने प्यार में पड़कर घर वालों से लड़कर शादी की। शादी के आठ माह बाद ही पति ने बताया कि उसका जॉब चला गया है। उसने सपोर्ट किया, लेकिन पति काम को करने तैयार नहीं है। कहता है कि छोटे-मोटे काम उसके स्टैंडर्ड के नहीं हैं। बिजनेस के नाम पर उसकी सेविंग की बलि चढ़ा दी।
14 केस में समझौता
पिछले साल फैमिली कोर्ट और डालसा में ऐसे 26 मामले पहुंचे। एक केस में सास-बहू और दूसरे में देवरानी-जेठानी की जोड़ी ने पति को निकालने का फैसला लिया। 14 मामलों में सुलह हुई है। कई पतियों ने शराब छोड़ दी, कुछ कोशिश कर रहे हैं।
केस 1
घर में पति-बेटे के शराब पीकर हंगामा करने से परेशान सास-बहू ने दोनों को घर से निकाल दिया। मंडीदीप की कंपनी में कार्यरत पति-बेटे ने बीते साल जून में डालसा में आवेदन देकर घर वापसी की गुहार लगाई थी।
केस 2
गौतम नगर क्षेत्र के एक मामले में दोनों भाई बार-बार जॉब छोड़ देते थे। पत्नियों का आरोप है कि दोनों जो पैसा आता, वह घर में देने के बजाए उड़ा देते हैं। परेशान होकर पत्नियों ने उन्हें घर से बाहर कर दिया।
बदलते समय का प्रभाव, असहाय नहीं रहीं महिलाएं
सॉफ्टवेयर इंजीनियर पत्नी के मामले में काउंसलिंग की है। वह चाहती है कि पति अपनी जिम्मेदारी संभाले। इस तरह के मामले अब सामने आ रहे हैं। इसे बदलते समय का उदाहरण कह सकते हैं। यह मामले पति द्वारा घर से बाहर निकाल दी जाने वाली असहाय महिलाओं के टैबू को तोड़ते हैं। -शैल अवस्थी, काउंसलर, फैमिली कोर्ट