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150-300 का स्लैब खत्म होने से 25 लाख लोगों को मिलेगी महंगी बिजली

बिजली कंपनियों ने टैरिफ पिटीशन में तीसरी बार दिया प्रस्ताव

भोपाल। मप्र की विद्युत वितरण कंपनियों ने प्रस्तावित बिजली टैरिफ पिटीशन में 150 यूनिट से अधिक खपत करने वाले मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी की है। 150 से 300 यूनिट का स्लैब खत्म होने से इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को 300 से अधिक के स्लैब की दर से बिल का भुगतान करना पड़ेगा। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा 25 लाख है। इन्हें 50 पैसे प्रति यूनिट अधिक बिजली बिल चुकाने पड़ेंगे।

हाल ही में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी की वित्तीय वर्ष 2025-26 की टैरिफ पिटीशन स्वीकार की है। आयोग ने इस पर 24 जनवरी तक उपभोक्ताओं से दावे-आपत्तियां मंगाई हैं। इस पर 11 फरवरी को पश्चिम क्षेत्र, 13 फरवरी को पूर्व क्षेत्र और 14 फरवरी को मध्य क्षेत्र की जनसुनवाई होगी। दरअसल, बिजली कंपनियों ने 4,107 करोड़ रुपए घाटे की भरपाई के लिए बिजली दरों में 7.52% वृद्धि करने की अनुमति मांगी है।

150 यूनिट तक ही राहत : प्रदेश में अभी 1. 27 करोड़ कुल घरेलू उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी इसमें से करीब एक करोड़ उपभोक्ताओं को सब्सिडी देती है। ये उपभोक्ता 150 यूनिट मासिक खपत के दायरे में आते हैं। कंपनी 100 यूनिट के लिए 100 रुपए और अगली 50 यूनिट पर सामान्य दर से बिलिंग करती है। इससे उपभोक्ता को करीब 450 रुपए से अधिक की बचत होती है।

दो सालों से नहीं मिल रही आयोग से अनुमति

विद्युत वितरण कंपनियां दो साल से 150 से 300 वाला स्लैब खत्म करने के लिए टैरिफ पिटीशन में आयोग से अनुमति मांग रही थीं, लेकिन आयोग दोनों बार प्रस्ताव खारिज कर चुका है। अब तीसरी बार इसकी अनुमति मांगी गई है।

स्लैब की वर्तमान और प्रस्तावित दरें

यूनिट                     अभी दर          प्रस्तावित दर           बढ़ोतरी
50 यूनिट तक             4.27               4.59                  32 पैसे
51- 150 यूनिट           5.23               5.62                  39 पैसे
151-300 यूनिट          6.61               7.11                   50 पैसे
301 से से ज्यादा         6.80               7.11                    31 पैसे
बिल दरें रुपए में। स्रोत: आयोग में दायर पिटीशन के अनुसार

यह मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है। पहले दोनों स्लैब के उपभोक्ताओं को तो सब्सिडी मिल जाती है, लेकिन तीसरे स्लैब यानी मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिलती है। सरकार को इनकी चिंता करना चाहिए। – हरवीर बंटी पाटकर, बाग मुगालिया, भोपाल

बिजली कंपनियां मध्यमवर्गीय और कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर अनावश्यक बोझ डालने जा रही हैं। 150 से 300 का स्लैब खत्म करने के प्रस्ताव का पेंशनर्स समाज विरोध करता है। -शैलेंद्र व्यास, संरक्षक, विद्युत पेंशनर्स हित रक्षक संघ, मप्र

जनहितैषी होने का दावा करने वाली सरकार को चाहिए कि वह 150 से 300 के उपभोक्ताओं को अपर स्लैब की बजाय 100-150 के स्लैब में मर्ज करे। इससे उपभोक्ताओं को फायदा ही होगा। – राजेंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर, एमपी जेनेको

कंपनी 151 से 300 यूनिट के स्लैब को खत्म कर एक दर तय करना चाहती है। इस श्रेणी के उपभोक्ता पर सामान्य दर से बिजली बिल लिया जाएगा। – शैलेंद्र सक्सेना, सीजीएम, मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी

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