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Winter Session of Parliament : दोनों सदनों में कृषि कानून वापसी बिल हुआ पास, लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में कृषि कानून वापसी बिल पास कर दिया गया है। येह बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में ये विधेयक पेश किया। इसके तुरंत बाद ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच ही बिल राज्यसभा में पास हुआ। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

विपक्षी दलों ने हंगामा किया

लोकसभा में विंटर सेशन शुरू होते ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानून वापसी का बिल पेश किया। जो पास भी हो गया। इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कानून वापसी पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष से कहा कि आप चर्चा चाहते हैं तो हम वो करवाने को तैयार हैं। लेकिन विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी।

पीएम मोदी ने सत्र से पहले की थी अपील

संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से शांति और मर्यादा बनाए रखने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि संसद में सवाल हों, लेकिन शांति भी बनी रहे। हमारी पहचान इस बात से हो कि हमने सदन में कितने घंटे काम किया, न कि इस बात से कि सदन में किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका। प्रधानमंत्री का इशारा विपक्ष के हंगामे की तरफ था।

कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में दिया धरना

कांग्रेस सांसदों ने संसद में कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी नेता शामिल हुए।

राज्यसभा से 12 सांसद निलंबित

राज्यसभा से 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। मॉनसून सत्र में हंगामा करने के लिए सांसदों के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। इनमें CPM के एलाराम करीम, कांग्रेस के फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, CPI सांसद बिनॉय विश्वम, TMC नेता डोला सेन और शांता छेत्री और शिवसेना के प्रियंका चतुर्वेदी व अनिल देसाई शामिल हैं।

हमारा आंदोलन जारी रहेगा- राकेश टिकैत

संयुक्त किसान मोर्चा के लीडर राकेश टिकैत ने कहा, कृषि कानून वापस हो चुके हैं। लेकिन अब MSP और किसानों की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए। हम 4 दिसंबर को एक बैठक करेंगे और उस पर आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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