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सभी जाति-संप्रदाय के संतों को चुनाव से पहले लाएंगे एक मंच पर

संत-समागम में अवधेशानंद गिरि, बाबा रामदेव, पं. प्रदीप मिश्रा, पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री व राम मंदिर अयोध्या के ट्रस्टी गोविंद देव गिरि होंगे शामिल

राजीव सोनी,भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की उज्जैन और मुरैना में संपन्न बड़ी बैठकों में हिंदू समाज की एकजुटता के लिए काम करने का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके लिए सभी जाति और संप्रदायों को करीब लाने के लिए उनके संत- धर्मगुरुओं को एक मंच पर बुलाकर सामाजिक समरसता के कार्यक्रम जोर-शोर से कराए जाएंगे। प्रदेश के सभी जिलों में ये आयोजन बसंत पंचमी (14 फरवरी) से शुरू हो जाएंगे।

कार्यक्रमों में क्षेत्रीय साधु-संतों के साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, बाबा रामदेव, पं.प्रदीप मिश्रा, बागेश्वर धाम के पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी शामिल होंगे। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज की मंजूरी भी ले ली गई है। मप्र सहित अन्य राज्यों के शहरी और ग्रामीण अंचलों में लोकसभा चुनाव के पहले संत-समागम का यह नवाचार संघ ने प्राथमिकता पर रखा है।

पर्दे के पीछे रहेगा संघ

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से देश भर में हिंदू एकता का जो माहौल बना है उसकी अलख जगाए रखने के लिए संत-समागम की मुहिम हाथ में ली गई है। इसके साथ ही आगामी दो-तीन महीने तक अलग-अलग सामाजिक संगठनों द्वारा गांव-गांव से लोगों को अयोध्या दर्शन कराने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। अब संतों के सम्मेलन जैसे इन कार्यक्रमों के आयोजक प्रत्यक्ष तौर पर संबंधित समाजों के गणमान्य नागरिक और संगठन ही रहेंगे। लेकिन पर्दे के पीछे परोक्ष रूप से आयोजन संचालन के सूत्र संघ अपने हाथ में ही रखेगा।

एकजुटता का सियासी लाभ संघ

की समन्वय बैठक में इस बात पर भी मंथन हुआ कि जिस तरह अयोध्या कारसेवा के लिए जाति-संप्रदाय भुलाकर हिंदू एकजुट हुआ था, वह भाव पुन: जगाया जाए। सभी जानते हैं कि इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। संघ इसके लिए एक कुआं-एक मंदिर और श्मशान जैसे कार्यक्रम भी चला रहा है। काशी-मथुरा मामले को लेकर कोर्ट के निर्णय से माहौल गर्माने लगा है। समान नागरिक संहिता(यूसीसी) जैसे मुद्दे पर संघ की स्पष्ट लाइन के बाद उत्तराखंड सहित भाजपा शासित अन्य राज्यों में इस पर तेजी से काम शुरू हो गया है।

सुर्खियों में हैं गोविंद देव गिरि

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी को पंचामृत पिलाकर गोविंद देव गिरि ने उनका 11 दिनी व्रत पूरा कराया था। तब से वे सुर्खियों में हैं।

संघ ने ऐसे जुटाया डाटा

आरएसएस ने मप्र सहित अन्य राज्यों में गांव-गांव जाकर माइक्रो स्तर पर 4 दर्जन बिंदुओं पर सामाजिक ताने-बाने की जानकारी जुटा ली है। पिछले एक साल के दौरान संघ ने सर्वे कराकर विभिन्न बिंदुओं पर जाति- आबादी, मंदिर-मस्जिद, कुआं, श्मशान से लेकर गौ-पालकों और स्कूल-कॉलेजों का डाटा भी डिजिटलाइज कर लिया है।

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