ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

महंगा मोबाइल दिलाने से पिता ने किया इंकार तो घर छोड़ पैसा कमाने भोपाल पहुंचा किशोर

रेस्क्यू किए बच्चों में अपना शौक पूरा करने घर छोड़ने के बढ़ रहे मामले

पल्लवी वाघेला, भोपाल। मेरे पास अपना पर्सनल फोन नहीं है। पापा से कहो तो वह सस्ता सा सेकंड हैंड मोबाइल दिलाने की बात करते हैं। यदि वह महंगे स्कूल में पढ़ा नहीं सकते थे तो मेरा एडमिशन क्यों करवाया। मैं दोस्तों के सामने र्शमिंदा नहीं हो सकता। अगले साल 11वीं में पहुंच जाऊंगा। अब स्कूल जाऊंगा तो अपनी पसंद के फोन के ही साथ। दसवीं में था, इसलिए काम नहीं कर पा रहा था। इसलिए परीक्षा खत्म होने पर काम ढूंढने भोपाल आया था।

यह बात 16 वर्षीय किशोर ने काउंसलिंग के दौरान कही। किशोर, भोपाल में काम न मिलने पर इंदौर जाने के लिए बस तलाश रहा था, उसी वक्त किसी ने पुलिस को सूचना दी और उसे रेस्क्यू किया गया। किशोर को सागर से आए उसके परिवार को सौंप दिया गया है।

दोस्त ने बताया था इंदौर में है काम

किशोर ने बताया कि उसने सोचा था कि भोपाल राजधानी है तो यहां बहुत काम होगा। इस बीच उसने इंदौर में अपने दोस्त को फोन किया। दोस्त ने कहा इंदौर में बहुत काम है, इसलिए वह इंदौर जा रहा था। महंगा मोबाइल न होने से वह अपने दोस्तों के सामने वह खुद को छोटा महसूस करता है। बाल कल्याण समिति और चाइल्ड हेल्पलाइन से मिली जानकारी के मुताबिक बीते साल दिसंबर से इस साल जनवरी तक ऐसे करीब 11 मामले ऐसे आए हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चे अपना शौक पूरा करने और अपने मन मुताबिक जीवन जीने की खातिर काम करना चाहते थे। सिटी और रेलवे चाइल्ड लाइन की रिपोर्ट के अनुसार बीते साल 29 बच्चों ने अपना घर छोड़ा था।

एक्सपर्ट व्यू : बच्चों के मन के भाव जानें

इन दिनों ऐसे अनेक मामले आ रहे हैं जहां बच्चे कंपेरिजन के चलते माता-पिता से लग्जरी लाइफ की डिमांड करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के मन के भावों को भी समझें और उन्हें अपनी बात प्यार से समझाएं। – शिखा चौहान, काउंसलर

संबंधित खबरें...

Back to top button