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Wayanad news: अब रहस्यमयी आवाजों के खौफ में वायनाड, लैंडस्लाइड में हो चुकी हैं 400 से ज्यादा मौतें

नेशनल डेस्क। बीते दिनों केरल के इस छोटे से जिले में भीषण लैंडस्लाइड में 400 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी और अब भी सैकड़ों लापता लोगों की तलाश के साथ राहत और बचाव कार्यों में टीमें जुटी हुई हैं। हालांकि हादसे को हुए एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त बीत गया है लेकिन अब यहां के बाशिंदे एक नई वजह से दहशत के साए में हैं। असल में लैंडस्लाइड के बाद अब वायनाड जमीन के नीचे से अजीब सी आवाजें सुनाई दे रही हैं। लोगों का दावा है कि उन्होंने तो आवाज के साथ कंपन भी महसूस किया है। इसके बाद से बाद से लोगों में दहशत का आलम है। इधर लोगों में इस नए कारण से फैल रहे खौफ के बाद प्रशासन ने एक्सपर्ट्स से मदद मांगी है।

जमीन के भीतर से धमाके जैसी आवाज

वायनाड में लैंडस्लाइड के चलते अब तक 400 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करीब अब भी 150 से ज्यादा लोग लापता हैं। अंबालावायल गांव और व्यथिरी तालुका में शुक्रवार सुबह 10.15 बजे जमीन के नीचे से तेज रहस्यमयी आवाज सुनाई दी। लैंडस्लाइड की घटना के बाद से ही स्थानीय लोग पहले से ही घबराए हुए थे, ऐसे में इन रहस्यमयी आवाजों से उन्हें किसी अनहोनी की चिंता सताने लगी। स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के बाद प्रशासन की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गई है। वायनाड कलेक्टर डीआर मेघश्री ने बताया कि प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए तत्काल कदम उठाए गए हैं।

भूकंप के नहीं मिले कोई संकेत

इस तरह की आवाजें आने के बाद केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने भी अपनी पड़ताल शुरू की। प्राधिकरण की तरफ से सफाई दी गई है कि भले हगी लोग कंपन महसूस कर रहे हों या फिर जमीन के नीचे से अजीब सी आवाजें आ रहीं हों, लेकिन रिक्टर स्केल पर ऐसी कोई हलचल दर्ज नहीं हुई। इस एजेंसी ने साफ कर दिया कि वायनाड में भूकंप के किसी तरह के कोई संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर जांच कर स्थिति का पता लगाया जा रहा है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने फिलहाल इलाके के सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी है। इधऱ, प्रशासन इन रहस्यमयी आवाजों के कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भ-शास्त्रियों और भू- वैज्ञानिकों से भी संपर्क कर रहा है। इसके साथ ही अब केरल खनन एवं भूविज्ञान विभाग का विशेषज्ञ दल जल्द ही इलाके में जाकर इन घटनाओं की जांच करेगा। वायनाड के चोरलमाला और मंदाकाई के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में अब भी सेना द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

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