ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

मप्र के लोक संगीत के साथ पांच राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भोजन का लुत्फ उठा सकेंगे विजिटर्स

मप्र जनजातीय संग्रहालय के 11वें स्थापना दिवस पर 6 से 10 जून तक होंगे विभिन्न कार्यक्रम

जनजातीय संग्रहालय के 11वें स्थापना दिवस के अवसर पर 6 जून से पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह समारोह 10 जून तक चलेगा। इसको लेकर संग्रहालय में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस समारोह में निमाड़, बुंदेलखंड, बघेलखंड और मालवा के कलाकार क्षेत्रीय लोक संगीत की प्रस्तुतियां देंगे। वहीं प्रत्येक दिन अलग-अलग राज्यों के लोक नृत्य के साथ वहां के अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं जाएंगी। यह प्रस्तुतियां शाम 6.30 बजे से होंगी।

इसके अलावा ‘धरोहर’ में प्रदेश के बैगा, गोंड, भील, कोरकू सहित अन्य जनजातीय कलाकारों द्वारा मप्र के जनजातीय नृत्य पेश किए जाएंगे। शिल्प मेला में मप्र के साथ गुजरात, उड़ीसा, तेलंगाना और मणिपुर के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन, सह-विक्रय किया जाएगा और इन्हीं पांचों राज्यों के देशज व्यंजनों का लुत्फ भी लोग उठा सकेंगे। वहीं ‘उल्लास’ के अंतर्गत भोपाल के कलाकार कठपुतली प्रदर्शन करेंगे।

संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर लगाया 2 टन लोहे का ‘बाना’ वाद्य यंत्र

संग्रहालय में गोंड समुदाय का वाद्य यंत्र ‘बाना’ बनकर तैयार हो गया है। इस 35 फीट लंबे वाद्य यंत्र को 2 टन लोहे से तैयार किया गया है, जो कि संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया जा चुका है। इसका शुभारंभ संग्रहालय के स्थापना दिवस पर किया जाएगा। संग्रहालय के क्यूरेटर अशोक मिश्रा ने बताया कि गोंड समुदाय के लोगों से जुड़ी कहानी लोगों तक पहुंचाने के लिए इस वाद्य यंत्र को स्थापित किया गया है।

सात जनजातीय आवासों का भी होगा उद्घाटन

संग्रहालय में जनजातीय समुदाय की जीवन शैली को समझने के लिए प्रदेश की 7 प्रमुख जनजातियों गोंड, भील, बैगा, कोरकू, भारिया, सहरिया और कोल के 7 आवास बनाए गए हैं। इन आवासों का शुभारंभ भी संग्रहालय के स्थापना दिवस पर 6 जून को किया जाएगा। इन आवासों के जरिए लोग जनजातीय संस्कृति को देख और समझ सकेंगे। इसके साथ ही जनजातीय भोजन का लुत्फ भी उठा सकेंगे।

6 से 10 जून तक शाम 6.30 बजे से होंगे यह कार्यक्रम

  • 06 जून – लोक संगीत : मालवा
  • नृत्य नाटिका : रामचंद्र सिंह के निर्देशन में नृत्य नाटिका ‘वीरांगना रानी दुर्गावती’ की प्रस्तुति।
  • 07 जून- लोक संगीत : बुंदेलखंड
  • अतिथि राज्य : गुजरात के सिद्धी धमाल, होली हुडो रास, मणियारो रास और ढोलो राणोटिटोडो नृत्य प्रस्तुतियां।
  • 08 जून- लोक संगीत : बघेलखंड
  • अतिथि राज्य : उड़ीसा के छाऊ, शंखध्वनि, गोटीपुआ और पाइका नृत्य प्रस्तुतियां।
  • 09 जून- लोक संगीत : निमाड़
  • अतिथि राज्य : तेलंगाना के ओगूढोलू, कोमूकोया, बोनालू और लम्बाड़ी नृत्य प्रस्तुतियां।
  • 10 जून- अतिथि राज्य : मणिपुर के लोक संगीत, लाई हरोबा, थांग-टा, पुंग चोलम, ढोल-ढोलक चोलम और बसंत रास प्रस्तुतियां।

संबंधित खबरें...

Back to top button