भोपाल (अमिताभ बुधौलिया). हिंसा और नफरत के माहौल में अब एक भी हिंदू बांग्लादेश में रहना नहीं चाहता है। तख्तापलट के बाद जिस तरीके से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हुई, उसने बांग्लादेश के प्रति उनकी सारी भावनाएं खत्म कर दी हैं। ‘सर्वाइव हिंदू कम्यूनिटी-बांग्लादेश’ के एक सदस्य ने ‘पीपुल्स समाचार’ को भेजे ऑडियो मैसेज में मोदी से अपील की है कि उन्हें सीएए के तहत भारत की नागरिकता दी जाए। क्योंकि अब वे यहां रहना नहीं चाहते हैं।
अगले 10-15 साल में बांग्लादेश से खत्म हो जाएंगे हिंदू
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से शेख़ हसीना के इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ने और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बावजूद हिंदू वर्ग डरा-सहमा है। उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। रंगपुर सदर में रहने वाले ‘सर्वाइव हिंदू कम्यूनिटी-बांग्लादेश’ के एक सदस्य और बिजनेसमैन ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि बांग्लादेश अब हिंदुओं के लिए सुरक्षित नहीं है। साथ ही आशंका जताई है कि अगले 10-15 सालों में बांग्लादेश हिंदू विहीन हो जाएगा। बता दें कि 2022 की जनगणना के मुताबिक, बांग्लादेश में अब हिंदू आबादी केवल 8 प्रतिशत बची है।
मोदीजी हमें सीएए के तहत भारत की नागरिकता दो
पीड़ित ने टूटी-फूटी हिंदी में बताया-‘अभी भी बड़ी संख्या में हिंदू भारत सीमा पर मौजूद हैं।’ बांग्लादेशी हिंदुओं का हाथ जोड़कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन है कि सीएए के तहत उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए। बांग्लादेश अब हिंदुओं के रहने लायक नहीं बचा है। माननीय नरेंद्र मोदीजी से निवेदन है कि हमारे लिए भारत के दरवाजे खोल दिए जाएं। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो आप बांग्लादेश की नई सरकार से बात कीजिए। हमें इस समय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सपोर्ट की बहुत जरूरत है।’
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हिंदुओं का कत्लेआम
पीड़ित ने कहा-‘शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्ल हुआ, कई गायब हैं। उदाहरण के तौर पर रंगपुर सिटी कॉरपोरेशन के हिंदू काउंसलर हराधन रॉय और उनकी बहन की कालीबाड़ी मंदिर के सामने जिहादियों ने हत्या कर दी। प्रशासन को बार-बार फोन करने के बावजूद कोई मदद नहीं मिली। हिंदुओं के घरों को लूटा गया, दुकानें जला दी गईं। गांवों में रहने वाली हिंदू आबादी की कोई रक्षा नहीं हुई। जमात-ए-इस्लामी के आतंक से हिंदू डरे हुए हैं। जिन लोगों की दुकानें नहीं जलाईं, उनसे रंगदारी मांगी जा रही है, उनकी हत्या की धमकियां मिल रही हैं। भले ही बांग्लादेश में नई सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन गांवों के हिंदू आतंकित हैं कि पता नहीं, कब उन पर हमला हो जाए।’
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