रोशनपुरा चौराहा स्थित सजावट ज्वैलर्स के संचालक द्वारा कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है। एक ओर जहां ग्राहकों को बिना मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग के एंट्री दी जा रही है। वहीं, उनका स्टाफ भी बिना मास्क के ही काम कर रहा है। इसके अलावा, यहां ग्राहकों को गुणवत्ताहीन मिलावटी गोल्ड ज्वैलरी बेचकर चूना लगाया जा रहा है।
कस्टमर को बेचा मिलावटी गोल्ड
एक कस्टमर ने बताया कि हमने सजावट ज्वैलर्स से 50 ग्राम गोल्ड पिछले साल खरीदा था। सजावट ज्वलैर्स ने 22 कैरेट की ज्वैलरी बताकर बेची थी। जब कुछ महीनों बाद उसकी गुणवत्ता की जांच कराई, तो पता चला कि ज्वैलरी 18 कैरेट की है। सजावट ज्वलैर्स के यहां इस तरह की शिकायतें लेकर आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें से कुछ ग्राहक तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत करने का मन भी बना चुके हैं।
एक अन्य कस्टमर ने बताया कि भोले-भाले लोगों को कभी कम कैरेट, तो कभी कम वजन के गहने बेचकर तो कभी ज्यादा मेकिंग चार्ज समेत विभिन्न तरीके से चूना लगाया जा रहा है। इसके चलते मार्केट में इनकी साख गिरती जा रही है। इन सबसे बचने के लिए ये लोगों को विभिन्न स्कीमों के जरिए अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ब्लैकमनी और टैक्स चोरी के भी आरोप
जानकारी के अनुसार, सजावट ज्वैलर्स के संचालक ने मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी के बाद शहर के कई नामी- गिरामी उद्योगपतियों, नौकरशाहों और राजनेताओं की ब्लैकमनी बड़े पैमाने पर ज्वैलरी की आड़ में ठिकाने लगाई है। बताया जाता है कि जिस रात नोटबंदी की घोषणा हुई, उसके एक सप्ताह में ही इन्होंने करोड़ों रुपए का बिजनेस कर लिया था। जो कि आम दिनों में सालभर में भी नहीं हो पाता है। ज्वैलरी के अलावा इन्होंने प्रापॅर्टी में भी लोगों का कालाधन बड़े पैमाने पर इन्वेस्ट कराया है। आयकर विभाग ने भी इसकी जांच की थी।