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गांव की ‘खाट’ शहर में बंगले, फ्लैट और रेस्टोरेंट की बढ़ा रही ठाट

नारियल की रस्सी के बाद अब मूंज और सरकंडा से बने सामान शहरों में घरों की सुंदरता में लगा रहे चार चांद

अखिल सोनी-इंदौर। सालों पुरानी गांव की बैठक शहरों में नया ट्रेंड बन रही है। लोग घरों में सजावट के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली चीजों को लेना काफी पसंद कर रहे हैं, ताकि घर की सुंदरता में कुछ अलग नजर आए। इन्हीं में से एक है खाट, जिसे गांव में खटिया कहते हैं। यूपी निवासी अमर सिंह मुद्दा ने बताया कि पिछले 35 सालों से वह ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली चीजों को बनाने का काम कर रहे हैं, शहरों में काफी लोग खरीदना पसंद करते हैं। कुछ दिन पहले ही वह इंदौर आए हैं और सड़क किनारे एक झोपड़ी में रहकर मूंज-सरकंडा से यह सामान तैयार कर रहे हैं।

मूंज क्या है, कैसे तैयार होता है

मूंज सरकंडा लकड़ी से तैयार की गई रस्सी है। सरकंडा एक झाड़ होता है, जिसकी कटाई साल में एक बार (जनवरी- फरवरी में) होती है। सरकंडा की लकड़ियों को काटकर और छीलकर रस्सी तैयार की जाती है।

बंगले, फ्लैट और रेस्टोरेंट में काफी प्रचलन

बंगले, फ्लैट और रेस्टोरेंट में पुरानी चीजों को डेकोरेशन के लिए काफी पसंद किया जा रहा है। इनमें झूले, खाट, जूट के स्टूल, लालटेन, कुर्सियां शामिल हैं। लोग जूट की खाट और स्टूल-कुर्सी ज्यादा रखना पसंद करते हैं। – सिकंदर अहमद, इंटीरियर डिजाइनर, इंदौर

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