Ram Navami 2024। देशभर में धूमधाम के साथ रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज पहली रामनवमी है। रामलला का 3 मिनट तक सूर्य तिलक हुआ। रामलला की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इस मौके पर राम मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया। लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अभिजीत मुहूर्त में हुआ सूर्य तिलक
भगवान श्री राम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था। इस मौके पर अयोध्या में दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ। इस दौरान अभिजीत मुहूर्त रहा।
सुबह 3.30 बजे से भक्तों के लिए कपाट खुले
सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, जो आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। कपाट खुलने के बाद रामलला का दूध से अभिषेक, फिर श्रृंगार किया गया। सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। शयन आरती के बाद रात 11:30 बजे रामलला के कपाट बंद किए जाएंगे। श्रद्धालु 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे। 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। श्री राम जन्मभूमि परिसर में भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है।
रामलला को चढ़ाया जाएगा 56 तरह का भोग
रामनवमी की विशेष पूर्जा के लिए 56 तरह का भोग तैयार किया गया है। इस विशेष भोग को रामलला को चढ़ाया जाएगा। यह भोग भक्तों को भी दिया जाएगा। श्री रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामनवमी को लेकर ट्रस्ट ने हर तरह की तैयारियां की हैं।
अपडेट्स...
रामनवमी के अवसर पर अयोध्या स्थित राम मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी
https://twitter.com/psamachar1/status/1780448249129689346
हनुमानगढ़ी के बाहर पर्दा गिरा, 4 लोग घायल
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला का दिव्य अभिषेक
https://twitter.com/psamachar1/status/1780433330774675560
लाखों भक्तों ने सरयू नदी में लगाई आस्था की डुबकी
https://twitter.com/psamachar1/status/1780449147482485160
9 शुभ योग और ग्रहों के दुर्लभ संयोग में होगा सूर्य तिलक
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, सूर्य तिलक के दौरान 9 तरह के शुभ योग और कई ग्रहों का ऐसा संयोग बनेगा जैसा त्रेतायुग में श्रीराम के जन्म के समय बना था। सूर्य तिलक के दौरान सरल,काहल, वाशि, परिजात, रवियोग, गजकेसरी, शुभ और अमला योग बनेगा। इसके साथ ही ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी करेगा।
अद्भुत होगा सूर्यतिलक का नजारा
राममलला के सूर्यतिलक के दौरान भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की मंजूरी दी जाएगी। सूर्यतिलक के लिए मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 100 एलईडी लगाई हैं, जबकि सरकार की ओर से 50 एलईडी की व्यवस्था की गई है। इनके जरिए रामनवमी के जश्न को दिखाया जाएगा। रामलला की मूर्ति के सूर्याभिषेक का नजारा बहुत अद्भुत होगा।
हर साल रामनवमी पर होगा सूर्य तिलक
IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को तैयार किया है। इसके डिजाइन को तैयार करने में टीम को पूरे दो साल लग गए। 2021 में राम मंदिर के डिजाइन पर काम शुरू हुआ था। सूर्य तिलक मैकेनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हर साल राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ेंगी।
भगवान श्रीराम के जन्म की पौराणिक कथा
चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हर साल भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का जन्म राजा दशरथ के महल में भगवान राम का जन्म विष्णु के सातवें अवतार के रूप में त्रेतायुग में अयोध्या में राजा दशरथ के घर हुआ था। उनका जन्म दोपहर के अभिजीत मुहूर्त के समय हुआ था।
राम नवमी पर बने हैं ये शुभ योग
राम नवमी पर इस बार पूरे दिन रवि योग का शुभ संयोग बना है। इस बार राम नवमी पर भगवान राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन आश्लेषा नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक है।
राम नवमी पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
- इसके बाद पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करते हुए सफाई करें।
- इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर पूजा और व्रत का संकल्प लें और भगवान राम की पूजा आराधना आरंभ कर दें।
- पूजन में माला, फूल, फल, मिठाई, रोली, चंदन, धूप, दीपक, तुलसी के पत्ते से भगवान राम संग माता सीता की पूजा करें।
- इसके के बाद इच्छा और सामर्थ्य अनुसार रामचरितमानस, रामायण, रामरक्षास्तोत्र, बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- पाठ करने के बाद भगवान राम की आरती करते हुए पूजन कार्यक्रम को समाप्त करते हुए भगवान राम,माता सीता और हनुमानजी से आशीर्वाद प्राप्त करें।
ये भी पढ़ें- रामलला के सूर्य तिलक का सफल ट्रायल, VIDEO में देखें यह अद्भुत नजारा; रामनवमी पर होगा तिलक