
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में कई देशों पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा से वैश्विक व्यापार में हलचल मच गई है। इस फैसले के बाद कई देशों ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। कनाडा ने गुरुवार को अमेरिका से आयात होने वाली कुछ गाड़ियों पर 25% टैरिफ का ऐलान किया है। वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिका में अपने सभी निवेश रोक दिए हैं। अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने से चीन, भारत, कनाडा, यूरोपीय यूनियन और कई अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका का टैरिफ ऐलान
ट्रंप प्रशासन ने नए टैरिफ के तहत विभिन्न देशों पर 10% से 49% तक की दर से आयात शुल्क लागू किया है। इसका सबसे अधिक प्रभाव चीन, भारत, कनाडा और यूरोपीय यूनियन पर पड़ा है। अमेरिका का कहना है कि, इन टैरिफ का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता को कम करना है।
किन देशों पर कितना टैरिफ?
- भारत- 27%
- चीन- 34% (पहले से 20% लागू, अब कुल 54%)
- थाईलैंड- 37%
- ताइवान- 32%
- जापान- 24%
- ब्रिटेन- 10%
- वियतनाम- 46%
- कंबोडिया- 49%
- दक्षिण कोरिया- 25%
कनाडा और यूरोप का पलटवार
अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बाद कनाडा ने भी प्रतिक्रिया दी और अमेरिकी कारों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप की व्यापार नीति को “वैश्विक व्यापार के लिए त्रासदी” करार दिया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए अमेरिका में सभी निवेश रोकने की घोषणा की और ट्रंप से यूरोपीय यूनियन पर लगाए गए 20% टैरिफ को वापस लेने की मांग की।
भारत के लिए टैरिफ संकट या अवसर?
भारत पर लगाए गए 27% टैरिफ को विशेषज्ञ ‘मिक्सबैग’ कह रहे हैं। हालांकि, यह टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ नए अवसर भी खोल सकता है।
भारत को संभावित लाभ
फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को फायदा- चीन पर ऊंचे टैरिफ के कारण भारतीय फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को अमेरिका से ज्यादा ऑर्डर मिलने की संभावना है। इन दोनों सेक्टरों की अमेरिका को होने वाली निर्यात हिस्सेदारी लगभग 24 अरब डॉलर (2 लाख करोड़ रुपए) है।
गारमेंट-टेक्सटाइल सेक्टर में नई संभावनाएं- अमेरिका ने बांग्लादेश पर 37%, श्रीलंका पर 44% और वियतनाम पर 46% टैरिफ लगाया है, जिससे भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को बढ़त मिल सकती है। भारत का गारमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर इन देशों से बेहतर माना जाता है।
संभावित नुकसान
रत्न और आभूषण उद्योग प्रभावित- अमेरिका में अभी तक लूज डायमंड पर कोई शुल्क नहीं था, लेकिन अब 27% टैरिफ लागू किया गया है। भारत अमेरिका को कुल जेम्स और जूलरी का 30% निर्यात करता है, जिसकी कीमत 11 अरब डॉलर है। इससे यह सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील की संभावना
भारत और अमेरिका के बीच लगभग 500 अरब डॉलर (42.75 लाख करोड़ रुपए) की ट्रेड डील पर चर्चा चल रही है। अगर यह समझौता सफल होता है, तो भारतीय उद्योगों को राहत मिल सकती है। पहले दौर की वार्ता हो चुकी है और उम्मीद है कि, यह डील सितंबर तक फाइनल हो जाएगी।
शेयर बाजार में दिखा असर
ट्रंप के इस टैरिफ फैसले से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता आ गई है। निवेशक जोखिम भरे सौदों से बच रहे हैं, जिससे शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी उद्योग जगत भी इस फैसले पर मिला-जुला रुख अपना रहा है। कुछ कंपनियों को इससे फायदा होगा, जबकि कई को नुकसान उठाना पड़ेगा।
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