
अशोक गौतम-भोपाल। प्रदेश में अगले तीन साल में हर घर तक पाइप लाइन से पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की सप्लाई करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इस पर सब्सिडी नहीं मिलने के कारण लोग इनके कनेक्शन लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि वर्तमान में सिर्फ एक लाख 62 हजार घरों तक पीएनजी का कनेक्शन लिया है।
दरअसल, प्रदेश में एक करोड़ 9 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और लाड़ली बहना योजना के तहत गैस सिलेंडर में सब्सिडी मिल रही है। इस पर सरकार को प्रतिमाह करीब 35 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि पीएनजी सप्लाई में सरकार ने सब्सिडी देने की अभी तक नीति नहीं बनाई है, जिससे इसके कनेक्शनों की संख्या नहीं बढ़ रही है। हालांकि कंपनियां इसके लिए प्रयास कर रही है।
आईओसी सहित 10 ऑयल कंपनियों को दी जिम्मेदारी
कंपनियों का पहला टारगेट कवर्ड कॉलोनी और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग हैं। कंपनियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप लाइन डालने और लोगों के घरों में कनेक्शन देने के लिए 8 वर्ष (भोपाल और इंदौर में 2029 तक ) का समय दिया गया है। पीएनजी की सप्लाई के लिए तीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। मप्र में 55 जिलों में पाइप लाइन बिछाने और गैस की सप्लाई के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन सहित दस कंपनियों को काम दिया गया है। कंपनियों ने सबसे पहले शहरी क्षेत्रों को चुना है।
दस से 15 फीसदी तक सस्ती मिलेगी गैस
पाइप लाइन के जरिए गैस सप्लाई होने से 10 से 15%सस्ते दामों में गैस मिलेगी। इसकी मुख्य वजह है कि निजी कंपनियों को गैस परिवहन नहीं करना पड़ेगा। साथ ही गैस की रिफिलिंग और सिलेंडर की लागत राशि भी नहीं लगेगी।
फैक्ट फाइल
- 2.60 लाख घरों तक पहुंची लाइन
- 1.62 लाख घरों में कनेक्शन
- 1.60 लाख से अधिक घरों तक गैस की सप्लाई
- 339 पीएनजी डिपो
- 550 औद्योगिक कनेक्शन
यह होंगे सुरक्षा के मापदंड
- गैस की पाइप लाइन में तीन जगह पर वाल्व होंगे।
- पहला वाल्व किचन में, दूसरा मीटर के पास और तीसरा घर के बाहर।
- पाइप लाइन में विशेष केमिकल होगा, जिसके रिसाव से बदबू आएगी।
ये होंगे कॉरिडोर
- उज्जैन, विजयपुर, गुना, मुरैना, राजगढ़ गेल की पाइप लाइन निकल रही है।
- दूसरी पाइप लाइन नागपुर से जबलपुर की ओर जा रही है।
- तीसरी पाइप लाइन शहडोल से रीवा की तरफ जा रही है।
पाइप लाइन से सप्लाई होने वाली पीएनजी गैस सिलेंडर से करीब 20 फीसदी सस्ती पड़ती है। मेरा तीन लोगों का परिवार है, ढाई महीने में करीब ढाई सौ रुपए बिल आता है। इस अवधि में पहले एक सिलेंडर चलता था। -उमाशंकर, बिलिया, निवासी इंदौर
सिलेंडर में सब्सिडी मिल रही है। पाइप लाइन से गैस सप्लाई में पूरा पैसा देना होगा, इससे हम अभी कनेक्शन नहीं ले रहे हैं। -प्रमोद ठाकरे, उज्ज्वला कनेक्शनधारी, मंडीदीप
सरकार ने इन कंपनियों को पाइप लाइन डालने सहित तमाम तरह की अनुमतियों में बहुत सारी सब्सिडी दी है। ये मार्केट आधार गैस सप्लाई है, इसमें प्रतिस्पर्धा रहेगी। इससे लोगों को कम दर पर गैस मिलेगी। -कर्मवीर शर्मा, आयुक्त, खाद्य विभाग