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विधानसभा में गेहूं की बालियां लेकर जाने पर अड़े कांग्रेसी, कृषि मंत्री बोले- अब तुम नेतागिरी कर रहे हो

ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी के मुआवजे को लेकर कांग्रेस विधायकों ने कृषि मंत्री को घेरा

भोपाल। मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान को लेकर विधानसभा में कांग्रेस ने सवाल उठाए। विपक्ष ने कहा- सरकार बताए कि किसानों को नुकसान की भरपाई कब तक हो जाएगी। दोपहर तीन बजे दोबारा विधानसभा सदन की शुरुआत हुई तो कोतमा से कांग्रेस विधायक सुनील सराफ और गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल गेहूं की बालियां लेकर अंदर जाने लगे। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेहूं की बालियां लेकर अंदर जाने से रोका।

कांग्रेस विधायक बोले- नियम हो तो दिखाएं

विधानसभा गेट पर गेहूं की बालियां दिखातीं गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल।

सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने पर कांग्रेस विधायक बिफर पड़े। कांग्रेस विधायकों ने सुरक्षाकर्मियों से कहा- ऐसा कोई नियम है तो दिखा दें कि गेहूं की बाली अंदर नहीं ले जा सकते। हम आप इसी गेहूं से जिंदा हैं। इसमें कोई हथियार दिख रहा है, कोई खतरे वाली चीज दिख रही है? इससे किसी को चोट लग सकती है क्या?

मंत्री को बाहर बुलवाने की मांग

सुरक्षाकर्मियों के रोकने पर सराफ ने कहा- हम बाली लेकर अंदर नहीं जाएंगे, बशर्ते आप कृषि मंत्री को बाहर बुलवा दो। हम उन्हें दिखाएंगे कि किस तरह किसानों को फसल का नुकसान हुआ है। इस बातचीत के बीच ही कृषि मंत्री कमल पटेल पर भी अंदर आने के लिए गेट पर पहुंचे तो कांग्रेसियों ने उन्हें वहीं घेर लिया।

विधानसभा गेट पर मंत्री और कांग्रेस विधायक के बीच हुई बातचीत…

सुनील सराफ (कांग्रेस विधायक) : सरकार ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के लिए क्या कर रही है?

कमल पटेल (कृषि मंत्री) : चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार किसानों के साथ है। जिनका बीमा है, उसकी क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी से कराएंगे। जिनका बीमा नहीं है, उन्हें आरबीसी 6-4 (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के तहत क्षतिपूर्ति देगी।

सुनील सराफ : क्या इससे पहले सभी मुआवजे किसानों को मिल गए?

कमल पटेल : बिल्कुल मिल गए हैं।

सुनील सराफ : किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं?

कमल पटेल :  कोई आत्महत्या नहीं कर रहा है। अब तुम नेतागिरी कर रहे हो। कांग्रेस के शासन में आरबीसी 6-4 में 40 रुपए और 80 रुपए मिलते थे। शिवराज जी सीएम बने और मैं राजस्व मंत्री बना तो हमने आरबीसी में परिवर्तन कर इसे 5,000 रुपए तक किया। पहले फसल बीमा नहीं होता था। हमने बीमा कराना शुरू किया।

सुनील सराफ :  किसानों को मुआवजा कब तक मिल जाएगा।

कमल पटेल : एक महीने के अंदर मुआवजा मिल जाएगा।

यह भी पढ़ें अब तक तो सीएम को हवाई सर्वे कर किसानों को राहत राशि दे देनी थी, सर्वे ही कराना था तो तहसीलदारों की हड़ताल क्यों नहीं रोकी?

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