
नई दिल्ली। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस साल जनवरी से नवंबर तक यूपीआई के जरिए कुल 223 लाख करोड़ रुपए के 15,547 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने 14 दिसंबर को X पर साझा की। वहीं, NPCI के अनुसार, अक्टूबर में UPI के जरिए 1,658 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे, जो अब तक किसी भी महीने का सर्वाधिक है।
भारत तक सीमित नहीं है यूपीआई
यूपीआई की शुरुआत भारत में हुई। यह अब केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे सात देशों में अपनाया जा चुका है। इनमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरिशस शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यूपीआई ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
नवंबर में हुए 1,548 करोड़ ट्रांजैक्शन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, बीते महीने नवंबर में यूपीआई के जरिए 1,548 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि 21.55 लाख करोड़ रुपए रही। यह आंकड़ा नवंबर 2023 के मुकाबले 38% अधिक है। नवंबर 2023 में 1,123 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे और 17.40 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए थे। नवंबर 2024 में डेली एवरेज ट्रांजैक्शन 51 करोड़ 60 लाख रहा और रोजाना औसतन 71,840 करोड़ रुपए की राशि का लेनदेन हुआ।
वहीं, अक्टूबर 2024 में यूपीआई के जरिए रिकॉर्ड 1,658 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। यह अब तक किसी एक महीने में किया गया सबसे बड़ा ट्रांजैक्शन है।
कैसे काम करता है यूपीआई
यूपीआई एक वर्चुअल पेमेंट सिस्टम है, जो पेमेंट एड्रेस (UPI ID) के जरिए काम करता है। बैंक अकाउंट से लिंक होने के बाद, पेमेंट करने वाले को बैंक अकाउंट नंबर या IFSC कोड याद रखने की जरूरत नहीं होती।ट्रांजैक्शन मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी या आधार नंबर के जरिए किया जा सकता है। यूपीआई से न केवल पैसे भेजे जा सकते हैं, बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य लेनदेन भी आसान हो जाते हैं।
यूपीआई का संचालन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा किया जाता है। आरबीआई के पास आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम का ऑपरेशन है, जबकि आईएमपीएस, रूपे और यूपीआई जैसे सिस्टम एनपीसीआई संभालती है। यूपीआई की शुरुआत अप्रैल 2016 में की गई थी।
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