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फरार खनन माफिया मोहम्मद इकबाल पर ED का एक्शन, 4440 करोड़ की जमीन और यूनिवर्सिटी बिल्डिंग जब्त

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के खनन माफिया और पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व एमएलसी की 4 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। ईडी ने मोहम्मद इकबाल की बनाई हुई अवैध यूनिवर्सिटी को जब्त कर लिया है। यूनीवर्सिटी की 4,440 करोड़ रुपए की कीमत की इमारत और जमीन कुर्क की गई है। इकबाल बीते कई महीनों से फरार होकर दुबई में पनाह लिए है। इकबाल पर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खनन जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं।

अवैध तरीके से बनाई गई थी यूनिवर्सिटी

मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच एजेंसी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, इसके बाद 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया। ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर दर्ज हैं, इन पर मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों का कंट्रोल था। हाजी इकबाल ने मिर्जापुर इलाके में लोगों को डरा धमकाकर खरीदी गई करीब 121 एकड़ जमीन पर एक अलीशान यूनिवर्सिटी बनाई थी। ग्लोकल यूनिवर्सिटी शुरू से ही विवादों में रही है क्योंकि इसे बरसती नदियों पर कब्जा करके अवैध तरीके से बनाया गया था।

बेटे और भाई जेल में बंद

मोहम्मद इकबाल, ट्रस्ट और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी है। ईडी के अनुसार, पूर्व एमएलसी दुबई में फरारी काट रहा है। मोहम्मद इकबाल के चार बेटे हैं। बेटों और भाई के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो जेल में बंद हैं।

हाजी इकबाल उनके सहयोगियों पर लगे कई आरोप

हाजी इकबाल उनके सहयोगियों, परिजनों पर अवैध खनन करवाने, मनी लॉन्ड्रिंग, डरा धमकाकर जमीनों पर कब्जा करने के साथ-साथ दुष्कर्म के आरोप भी लगे। 2017 में चुनाव हारने के बाद से ही हाजी इकबाल उसका छोटा भाई महमूद अली और इकबाल के चारों बेटों, रिश्तेदारों और सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया।

क्या है पूरा मामला

यह मामला सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा था, जिसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल का बेटा मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, नरेंद्र कुमार, पुनीत कुमार और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को नामजद किया गया था। ईडी की जांच में सामने आया कि, सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल के पास था। इकबाल और उसके करीबियों की कंपनियां और फर्में सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं।

इसके जरिए मोहम्मद इकबाल के साथ करोड़ों रुपए का लेन-देन किया गया। इतना ही नहीं, मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध कमाई को आयकर विवरण में इसे छिपा लिया गया था। जिसके बाद मोहम्मद इकबाल ने सारी धनराशि अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी।

ट्रस्ट ने इस धनराशि का उपयोग यूनिवर्सिटी की भूमि खरीदने और भवनों के निर्माण के लिए किया। इस तरह करीब 500 करोड़ रुपए ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए। वर्तमान में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों की बाजार कीमत 4440 करोड़ रुपए है।

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