
वॉशिंगटन डीसी। सोमवार रात को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक अहम बैठक में पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा हुई। पाकिस्तान की मांग पर बुलाई गई इस बंद कमरे की बैठक में पाकिस्तान को कई कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। UNSC के सदस्यों ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए जवाबदेही तय करने की बात कही। पाकिस्तान के भारत पर लगाए गए आरोपों को स्वीकार नहीं किया गया, जबकि पाकिस्तान ने खुद को हमले से अलग बताया।
लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका पर पाकिस्तान से सवाल
बैठक के दौरान न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पाकिस्तान से पूछा गया कि क्या पहलगाम आतंकी हमले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा शामिल था? हालांकि पाकिस्तान ने इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और खुद को हमले से अलग बताया।
UNSC में सदस्यों ने आतंकी हमले की निंदा की
बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि यह हमला धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया, जो बेहद चिंताजनक है। सदस्यों ने स्पष्ट किया कि ऐसे हमलों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
भारत पर पाकिस्तान के आरोपों को समर्थन नहीं मिला
बैठक में पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने पहलगाम में खुद हमला करवाया ताकि पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके। UNSC के सदस्यों ने इस आरोप को खारिज कर दिया। साथ ही पाकिस्तान को सलाह दी गई कि वह अपने मुद्दे द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाए, न कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे तूल देने की कोशिश करे।
भारत के मिसाइल परीक्षण पर UNSC सदस्यों की चिंता
बैठक में पाकिस्तान ने तीन दिन में भारत द्वारा किए गए दो मिसाइल परीक्षणों पर भी सवाल उठाया। इस पर भी कुछ सदस्यों ने क्षेत्रीय अस्थिरता को लेकर चिंता जताई, लेकिन इसका सीधा आरोप भारत पर नहीं लगाया गया।
यह बैठक सिक्योरिटी काउंसिल के मुख्य कक्ष में नहीं, बल्कि गोपनीय कंसल्टेशन रूम में हुई, जहां संवेदनशील मुद्दों पर बंद दरवाजों के पीछे चर्चा होती है। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें 15 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक के बाद UNSC ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया।
पाकिस्तानी राजदूत बोले- भारत की भड़काऊ नीति से तनाव बढ़ा
बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि इफ्तिखार अहमद ने कहा कि बैठक का आयोजन पाकिस्तान की मांग पर हुआ और उनका उद्देश्य दक्षिण एशिया में तनाव कम करना था। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि 23 अप्रैल को उसने एकतरफा और गैरकानूनी कदम उठाए, सैन्य जमावड़ा किया और भड़काऊ बयान दिए, जिससे हालात बिगड़े।
इफ्तिखार अहमद ने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि शांति की स्थापना के लिए बातचीत और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन ही एकमात्र रास्ता है।
पाकिस्तान का सिंधु जल समझौते पर ऐतराज
बैठक में इफ्तिखार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को एकतरफा निलंबित करने के फैसले को भी गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में बनी थी और तीन युद्धों के बावजूद कायम रही। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पानी को हथियार बना रहा है, जबकि पानी जिंदगी है और इसे राजनीतिक साधन नहीं बनाना चाहिए।
UN महासचिव की अपील- संयम जरूरी
बैठक से पहले UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं दोनों देशों की सरकारों और नागरिकों का सम्मान करता हूं। UN शांति मिशनों में उनके योगदान के लिए आभारी हूं, लेकिन मौजूदा हालात दुखद हैं। सैन्य समाधान इस तनाव का हल नहीं हो सकता।”