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UNGA में भारत ने PAK को लताड़ा : कहा- आदतन अपराधी बन गया है पाकिस्तान, अवैध कब्जे वाले इलाके करे खाली

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को आईना दिखाया है। पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने UN जनरल असेंबली में एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की प्रतिनिधि पेटल गहलोत ने राइट टू रिप्लाई के तहत जवाब देते हुए पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने PoK का नाम लिए बिना कहा, ‘सबसे पहले तो पाकिस्तान उन इलाकों को खाली करे, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है। साथ ही उसे 26/11 मुंबई हमलों के दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।’

भारत ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन की 1st सेक्रेटरी और युवा राजनयिक पेटल गहलोत ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं।

पेटल गहलोत ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने का अधिकार किसी को नहीं है। संयुक्त राष्ट्र फोरम का दुरुपयोग करने का आदि पाकिस्तान हो चुका है। वह बार-बार भारत के खिलाफ इस वैश्विक मंच का गलत इस्तेमाल कर बेबुनियाद आरोप लगाता है। वह ऐसा इसलिए करता है ताकि पाकिस्तान में धड़ल्ले से हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर दुनिया की नजर न जाए। इस मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड बहुत खराब है।

पाकिस्तान पहले अपना घर संभाले

भारत ने कहा- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने से पहले पाकिस्तान को अपना घर संभालना चाहिए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ सरकारी हिंसा का एक ज्वलंत उदाहरण अगस्त 2023 में देखने को मिला था। जब पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले के जारनवाला में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर क्रूरता की गई थी, जहां 19 चर्च और 89 ईसाई घर जला दिए गए। अहमदिया लोगों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया है, जिनके धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदू, सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। पाकिस्तान में हर साल अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित 1000 महिलाओं को अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार बनाया जाता है। यह दावा पाकिस्तान की ही मानवाधिकार आयोग द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया गया है।  भारत ने कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों का पनाहगार और संरक्षक रहा है।

 

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