
देहरादून। उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह समाज में समानता और एकरूपता लाने का प्रयास है। सीएम धामी ने इसे राज्य के हर नागरिक के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित करने वाला कदम बताया।
बनाया गया नया पोर्टल
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान की। इस मौके पर समान नागरिक संहिता उत्तराखंड-2024 की नियमावली और एक ऑनलाइन पोर्टल (https://ucc.uk.gov.in) का लोकार्पण किया गया। यह पोर्टल आम जनता के लिए खुला रहेगा, जहां UCC से संबंधित जानकारी और प्रक्रियाएं उपलब्ध होंगी।
27 जनवरी को मनाया जाएगा ‘समान नागरिकता दिवस’
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि 27 जनवरी को हर साल समान नागरिकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने इस दिन को उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह वादा उन्होंने जनता से 2022 के चुनावों से पहले किया था, जिसे आज पूरा कर दिया गया है।
UCC लागू होने से क्या होगा बदलाव
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद लोगों के जीवन में कई अहम बदलाव आएंगे। जैसे,
- समान संपत्ति अधिकार- बेटे और बेटी दोनों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। यह किसी धर्म, जाति या वर्ग पर निर्भर नहीं करेगा।
- मृत्यु के बाद संपत्ति का समान वितरण- किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का वितरण पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के बीच समान रूप से किया जाएगा। पहले यह अधिकार केवल मृतक की मां को मिलता था।
- समान कारणों पर तलाक- तलाक के लिए पति-पत्नी दोनों के आधार और कारण समान होने चाहिए। केवल एक पक्ष के कारण पर तलाक नहीं मिलेगा।
- लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य- लिव-इन में रह रहे जोड़ों को पंजीकरण कराना होगा। हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को इसमें छूट दी गई है।
- लिव-इन से जन्मे बच्चों की जिम्मेदारी- लिव-इन से जन्मे बच्चे को पहचान और अधिकार मिलेगा। माता-पिता दोनों उस बच्चे की जिम्मेदारी साझा करेंगे और उसे अपना नाम देंगे।
उत्तराखंड में कैसे लागू हुआ UCC
2022 विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले सीएम धामी ने UCC लागू करने की घोषणा की। इसके बाद मार्च 2022 में नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में समिति के गठन की मंजूरी। 2022-2024 समिति ने 20 लाख से अधिक सुझाव इकट्ठे किए। फरवरी 2024 में UCC विधेयक विधानसभा में पेश हुआ और पारित हुआ। वहीं, मार्च 2024 में राष्ट्रपति ने विधेयक को मंजूरी दी। इसके बाद अक्टूबर 2024 में नियमावली तैयार कर सरकार को सौंपी गई, जहां इसी साल जनवरी में कैबिनेट ने नियमावली को मंजूरी दी।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ है कि सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति के बंटवारे और बच्चे गोद लेने जैसे मामलों में एक समान कानून होगा। यह संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्व में शामिल है।
गोवा के बाद उत्तराखंड बना पहला राज्य
भले ही गोवा में पुर्तगाली सिविल कोड के तहत पहले से UCC लागू है, लेकिन उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन गया है जहां समान नागरिक संहिता पूरी तरह से प्रभावी हो गई है।
UCC किसी धर्म, वर्ग या जाति के खिलाफ नहीं- सीएम
इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC किसी धर्म, वर्ग या जाति के खिलाफ नहीं है। यह सभी नागरिकों को समान अधिकार और दायित्व देने का प्रयास है। इससे समाज में एकरूपता आएगी और नागरिकता के मूलभूत सिद्धांत मजबूत होंगे।
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