
रायसेन। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती श्रावण माह के आखिरी सोमवार को रायसेन किले स्थित शिव मंदिर में भागवान सोमेश्वर को जल चढ़ाने पहुंचीं, लेकिन रात होने के चलते पुराततव विभाग के नियमानुसार किले के ताले नहीं खोले। उमा भारती ने गेट पर ही कलश से गंगा जल अर्पित किया और वापस चली गईं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं जल अर्पित करने आती रहूंगी।
नियमों का हलावा देते हुए पुरातत्व विभाग ने नहीं खोले गेट
उमा भारती कल देर शाम किले स्थित सोमश्वर महादेव के मंदिर पर जल चढ़ाने आईं। वे किले के मुख्य गेट पर शाम 7 बजे पहुंची, लेकिन उन्हें किले के इसी गेट पर गंगाजल का कलश रखकर वापस लौटना पड़ा। पुरातत्व विभाग का नियम है कि सूर्य अस्त होने के बाद स्मारक को बंद कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में किले पहुंचने वाले गेट पर ताला लगा होने से वह रात होने के कारण नहीं खुल सका। उमा भारती यहां पर करीब 20 मिनट तक रुकी रहीं। उनके आने की खबर लगते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। कलेक्टर अरविंद शर्मा, एसपी विकास शहवाल, जिला पंचायत सीईओ अंजू भदौरिया सहित पुलिस बल भी किले पर पहुंच गया था।
सरकार इस शिव मंदिर के ताले खोल सकती है : उमा भारती
इस मंदिर को खुलवाने का संकल्प लेने वाली उमा भारती ने इस दौरान कहा कि जैसे शेरशाह सूरी से राजा पूरनमल हार गया था, उसी तरह हर बार वे भी हार जाती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे खजुराहो में पुरातात्विक स्मारक को छूट मिली हुई है, ऐसे ही सरकार चाहे तो इस शिव मंदिर के ताले भी खोल सकती है।
पिछले साल भी गंगा जल चढ़ाने आईं थीं उमा भारती
बता दें कि रायसेन के किले पर स्थित भगवान महादेव सोमेश्वर धाम मंदिर केंद्रीय पुरातत्व विभाग के आधीन है। विवाद के कारण मंदिर केवल साल में एक बार शिवरात्रि के दिन ही आम लोगों के लिए खुलता है। उमा भारती इस मंदिर को आम जनता के लिए नियमित रूप से खुलवाने की मांग कर रही हैं। पुरातत्व विभाग के अधीन रायसेन के ऐतिहासिक किले स्थित शिव मंदिर पर उमा भारती पिछले साल भी गंगा जल चढ़ाने आईं थीं, लेकिन इस मंदिर का ताला नहीं खुला था।