
संदीप पांडला, उज्जैन। दुर्गा अष्टमी के मौके पर हर साल उज्जैन में नगर और शहरवासियों की सुख समृद्धि की कामना के लिए नगर पूजा का आयोजन किया जाता है। बुधवार को दुर्गा अष्टमी पर चौभीस खंभा मंदिर में माता महामाया और महालाया की पूजा की गई। माता महामाया और महालाया को मदिरा का भोग लगाया गया। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी शामिल हुए।
प्राचीन काल से चली आ रही परम्परा
नगर और शहरवासियों की सुख समृद्धि के लिए नगर पूजा की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है। इसी के चलते शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी के दिन कलेक्टर द्वारा नगर पूजा की जाती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा चैत्र नवरात्रि पर अष्टमी के दिन नगर पूजा करने की परम्परा शुरू की गई है। जिसके तहत आज अष्टमी पर नगर पूजा का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने चौभीस खंबा स्थित महामायाऔर महालाया माता की पूजा अर्चना कर मदिरा का भोग लगाया। एसपी सचिन शर्मा भी पूजन में शामिल हुए।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) March 29, 2023
इसके बाद नगर पूजा शुरू हुई। नगर पूजा के दौरान एक हांडी में मदिरा भरकर 27 किलोमीटर तक मदिरा की धारा लगाई जाएगी। वहीं रास्ते में पड़ने वाले देवी और भैरव मंदिरों में नया ध्वज और चोला चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जाएगी। नगर पूजा का समापन रात 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर होगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि नगर पूजा की परम्परा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। मंदिर के पंडित महेश पुजारी के मुताबिक नगर की रक्षा के लिए नगर पूजा का आयोजन होता है।