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सीने से चिपके दो बच्चों में एक ही दिल, ऑपरेशन से अलग कर नया जीवन देने की कोशिश

भोपाल। एम्स भोपाल में दुनिया में सबसे दुर्लभ मानी जाने वाली बीमारी का मामला आया है। यह बीमारी इतनी गंभीर है कि अब तक इसका सफल उपचार नहीं हो पाया। दरअसल, सागर में मंगलवार को जुड़वां बच्चों ने जन्म लिया, लेकिन दोनों बच्चे सीने और पेट से जुड़े हुए हैं। दोनों में एक ही दिल है। बच्चों को एम्स भोपाल रैफर किया गया। दो लाख में एक बार ऐसा मामला सामने आता है।

एम्स भोपाल के डॉक्टर अब इन बच्चों को अलग कर नई जिंदगी देने की कोशिश करेंगे। हालांकि इंटरनेट पर मिली जानकारी के मुताबिक दो बच्चों में एक दिल के एक दर्जन मामले ही सामने आए हैं। किसी भी मामले में ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया। एम्स के डॉक्टर दुनिया भर के मेडिकल जर्नल खंगाल रहे हैं, ताकि इन बच्चों को जीवन देने का तरीका खोजा जा सके।

रिपोर्ट के बाद होगी इलाज की प्लानिंग

एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को ऑब्जर्बेशन में रखा है और जरूरी जांचें की जा रही हैं। रिपोर्ट के बाद ही आगे के ट्रीटमेंट लाइन को तय किया जाएगा। हो सकता है इन ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों का पैनल बनाना पड़े।

24 घंटे पूरे होने से अभी बाकी है उम्मीद

विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के मामलों को थेरेकोपेग्स कहा जाता है। इन बच्चों के लिए जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों को जन्मे 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, ऐसे में इनके जीवन को लेकर उम्मीद जताई जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिन्हें अलग नहीं किया जाए तो वे कई सालों तक जीवित रहते हैं। यह सब दिल की क्षमता पर निर्भर करता है। यदि बच्चे का दिल दोनों शरीर का लोड उठा सकता है तो यह बच्चे बिना सर्जरी के भी जीवित रह सकते हैं।

एक दिल होना बड़ी समस्या

कई मामलों में बच्चों के लिवर, किडनी या ब्रेन जुड़े होते हैं तो ऑपरेशन सफल हो सकते हैं, क्योंकि इनमें एक अंग से जीवन चल जाता है। हालांकि एक दिल होने से एक बच्चे के जीवन की संभावना तो खत्म हो जाती है।

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