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महाशिवरात्रि के अगले दिन बदल जाती है महाकाल की परंपरा, दोपहर 12 बजे होती है भस्म आरती

उज्जैन। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर में हर साल एक बार परंपरा बदलती है। महाशिवरात्रि के अगले दिन यहां दिन में भस्म आरती होती है। दरअसल, महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल को दूल्हे के रूप में सवा क्विंटल फूलों का मुकुट धारण कराया जाता है। उन्हें सोने के कुंडल, छत्र, मोरपंख और सोने के त्रिपुण्ड से सजाया जाता है। इसके बाद सेहरा दर्शन, पारणा दिवस मनाया जाता है।

9 दिन मनाते हैं महाशिवरात्रि पर्व

उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का 9 दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इन 9 दिनों में श्रद्धालु बाबा महाकाल के अलग-अलग रूपों में दर्शन करते हैं और खुद को धन्य मानते हैं। महाशिवरात्रि के दिन इस पर्व का समापन होता है। इस पर्व पर बाबा महाकाल लगातार के 44 घंटे दर्शन देते हैं और हर दिन तड़के सुबह होने वाली भस्म आरती की परंपरा एक दिन बदल जाती है। महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं द्वारा निरंनतर जलाभिषेक किया जाता है।

रात 11 बजे तक हुआ जलाभिषेक

महाशिवरात्रि 2023 के मौके पर शनिवार रात 11 बजे बाबा महाकाल को जल चढ़ाना बंद किया गया। महाकाल के निरंनतर जलाभिषेक के साथ ही रात 8 बजे से 10 बजे के बीच में कोटेश्वर महादेव के रूप में उनका पूजन हुआ। इसके बाद रात 11 बजे से महापूजन की तैयारियां शुरू हुईं। पंचामृत से अभिषेक करने के बाद बाबा को गर्म जल से स्नान कराकर वस्त्र ओढ़ाने के साथ ही रत्न जड़ित आभूषण पहनाए गए। सुबह 4 बजे से बाबा को सेहरा चढ़ना शुरू हुआ। सेहरा आरती सुबह 6 बजे हुई।

साल में एक बार दिन में होती है भस्म आरती

उज्जैन में महाकाल के आंगन में महाशिवरात्रि पर शिव विवाह की सभी रस्मों का आयोजन किया जाता है। इनके पूरे होने के बाद भस्म आरती तड़के 4 बजे के बजाए दोपहर 12 बजे की जाती है। 18 फरवरी 2022 की रात महाकाल मंदिर में शिव विवाह उत्सव मनाया गया। इसके बाद बाबा महाकाल को सुबह 4 बजे विशेष पूजन कर डेढ़ क्विंटल फूलों का सेहरा बांधा गया। सेहरा दर्शन और सेहरा लूटने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, जो रविवार देर रात 11 बजे तक जारी रहेगा।

दोपहर 2 बजे श्रद्धालुओं नहीं कर सकेंगे दर्शन

आज सुबह 10 बजे से 2 बजे तक मध्यकालीन आरती के चलते आम श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक रहेगी। महाशिवरात्रि के अगले दिन शिव विवाह का समापन किया जाता है। आज दोपहर होने वाली भस्म आरती की खास बात यह है कि यह आरती साल में सिर्फ एक दिन ही होती है। यह आरती दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक चलेगी। माना जाता है कि इस भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल साकार से निराकार रूप धारण करते हैं। इस आरती का दर्शन सिर्फ मंदिर समिति से जारी विशेष पास धारी श्रद्धालु ही कर पाते हैं।

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