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निर्माण लागत से 4 गुना तक अधिक वसूली के बाद भी चल रहे टोल नाके

विधानसभा में 4 प्रमुख टोल नाकों का मामला गूंजा

नरेश भगोरिया, भोपाल। प्रदेश में टोल रोड से निर्माण लागत से ज्यादा टैक्स वसूल किए जाने के बावजूद वाहनों से टैक्स लेना बदस्तूर जारी है। विधानसभा के बजट सत्र में विधायक पंकज उपाध्याय ने टोल नाकों से अर्जित टैक्स राशि को लेकर सवाल किया। उन्होंने टोल हटाने की मांग करते हुए तर्क दिया कि निर्माण से ज्यादा राशि टैक्स के रूप में लिए जाने के कारण इन टोल को हटाना चाहिए। उपाध्याय के प्रश्न के जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने जानकारी दी। निर्माण से दिसंबर 2023 तक टोल मार्गों से 7570 करोड़ रुपए की राशि वसूल की गई। मंत्री की जानकारी पर प्रश्नकर्ता विधायक संतुष्ट नहीं हुए।

मुरैना जिले के जौरा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने उनके प्रश्न पर दिए गए जवाब का उल्लेख करते हुए सदन में बताया कि भोपाल-सीहोर-देवास, लेबड़-जावरा और जावरा-नयागांव, मंदसौर-सीतामऊ-राजस्थान सीमा वाले टोल रोड पर तीन से चार गुना तक राशि टैक्स के रूप में वसूल की जा चुकी है।

दुर्घटनाओं को रोकने के पर्याप्त उपाय हों

टोल रोड पर दुर्घटनाओं की जानकारी पर बताया गया कि 2020 से 2023 तक 6,523 एक्सीडेंट हुए हैं। सबसे ज्यादा एक्सीडेंट जावरा-नयागांव रोड पर सबसे ज्यादा 1087 एक्सीडेंट हुए हैं। इनमें 444 लोगों की मृत्यु हुई है। दुर्घटना रोकने के बारे में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया कि अनियंत्रित गति से वाहन चलाने और यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण सड़कों पर ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रमुख सड़कों पर रम्बल स्ट्रिप, साइन बोर्ड, मार्किंग पेंट, जेब्रा क्रासिंग, बार मार्किंग और सोलर ब्लिंकर लगाए गए हैं।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह का जवाब

सिर्फ निर्माण लागत ही नहीं, अनुबंध में कई शर्तें होती हैं टोल नाकों की लागत के प्रश्न के जवाब में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि टोल सड़कों के निर्माण के समय जो अनुबंध होता है उसमें सिर्फ निर्माण लागत के बराबर राशि टैक्स के रूप में लेना ही नहीं होता अनुबंध की कई शर्तें होती हैं। उन्होंने कहा कि टोल अवधि का निर्धारण फिजीबिलिटी रिपोर्ट के आकलन अनुसार 15 वर्ष से भी अधिक हो सकती है। प्रदेश की कोई ट्रांसपोर्टेशन कास्ट निर्धारित नहीं की गई है और न ही टोल वसूल करने का कोई लक्ष्य है।

सोहागपुर विधायक का सवाल : होशंगाबाद-औबेदुल्लागंज के बीच 35 किमी टोल, डबल चार्ज दे रहे राहगीर

सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह ने होशंगाबाद के पास बघवाड़ा और औबेदुल्लागंज के टोल प्लाजा को लेकर सवाल उठाया। सिंह ने कहा कि औबेदुल्लागंज में जो टोल प्लाजा है, उसे एनएच 45 पर बरेली रोड पर बनना था जबकि वह औबेदुल्लागंज मुख्यमार्ग पर है इसक बाद एनएच 69 पर ही होशंगाबाद के पास बघवाड़ा में एक टोल प्लाजा बनाया गया है इससे सिर्फ 35 किमी की दूरी पर दो बार टोल देना पड़ रहा है। इस सवाल के जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने एनएचएआई का उत्तर देखने के लिए कहा। एनएचएआई ने कहा कि औबेदुल्लागंज-जबलपुर मार्ग का निर्माण एमपीआरडीसी ने ही किया है एनएच 69 पर बघवाड़ा के पास टोल का निर्माण नियमानुसार किया गया है, इसलिए शिफ्ट नहीं किया जाएगा।

नगर निगम सीमा में आ गया मुरैना का टोल : मुरैना में टोल टैक्स को लेकर विधायक दिनेश गुर्जर ने सवाल किया कि टोल पर बैरियर लगाकर अवैध वसूली की जा रही है। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पहले एनएचएआई का बूथ था। बाद में नगर निगम सीमा में आ गया। एनएचआई ने फिजीबिलिटी रिपोर्ट मंगवाई है।

किसी सड़क की निर्माण लागत ही नहीं बल्कि कई और पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है। निर्माणकर्ता ने कितना इन्वेस्टमेंट किया है, उसकी राशि पर कितना ब्याज लगेगा और नेट प्रेजेंट वैल्यू क्या होगी, इसको ध्यान में रखकर ही टोल टैक्स लेने का निर्धारण किया जाता है। कितने गुना तक राशि ली जा सकती है, यह अलग-अलग स्थान और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। -श्रीराम मिश्रा, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, एमपीआरडीसी

जनता से वसूली बंद होना चाहिए, शर्तों में बदलाव हो

जिन टोल सड़कों की निर्माण लागत से ज्यादा की टैक्स वसूली हो गई है उन्हें बंद करना चाहिए। महंगाई के इस दौर में अनुबंध शर्तों को इस तरह रखा जाए जिससे जनता को सुविधा के एवज में अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़े। नहीं तो इस सीधे-सीधे अवैध वसूली ही कहना पड़ेगा। इन टोलों पर वसूली गई अब तक की राशि का आकलन हो चाहिए। -पंकज उपाध्याय,विधायक जौरा

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