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बाहरी प्रत्याशियों के गढ़ बन गए टीकमगढ़ और खजुराहो लोकसभा क्षेत्र

सागर से आए वीरेन्द्र कुमार चौथी और मुरैना के वीडी शर्मा भाजपा से दूसरी बार चुनाव मैदान में, पलायन यहां मुख्य समस्या

पुष्पेन्द्र सिंह- भोपाल। प्रदेश की टीकमगढ़ और खजुराहो लोकसभा सीटें बाहरी प्रत्याशियों की गढ़ बन गई हैं। यहां सागर से आए वीरेन्द्र कुमार और मुरैना के वीडी शर्मा लगातार दूसरा चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार भी दोनों प्रत्याशी भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। टीकमगढ़ से लगातार तीर बार के सांसद वीरेन्द्र कुमार मोदी मंत्रिमंडल तक पहुंच गए हैं लेकिन क्षेत्र के विकास के नाम पर उनके खाते में कोई बड़ी उपलब्धि शामिल नहीं है।

आजादी के बाद से इस जिले में अबतक एक भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ और न ही पलायन की समस्या दूर हुई। टीकमगढ़ लोकसभा सीट खजुराहो से टूटकर वर्ष 2009 में बनी। पहला चुनाव वीरेन्द्र कुमार ने सागर से आकर लड़ा। स्थानीय निवासी धर्मेन्द्र त्रिपाठी कहते हैं-हमाओ सांसद न कछु बोलत आए, न कोनऊ काम करत। न कोनऊ वादा करत न कोनऊ घोषणा। वो तो कांग्रेस को प्रत्याशी हर बार कमजोर उतरत, ऐइसे वीरेंद्र कुमार जीत जात। तीन बार से लगातार सांसद हैं परन्तु क्षेत्र में एक भी उद्योग नहीं लगा।

सांसद कहते हैं-रेलवे स्टेशन हम लाए : सांसद वीरेन्द्र कुमार का कहना है कि पलायन को रोकने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। टीकमगढ़ में रेलवे स्टेशन मेरे प्रयासों से बना, ट्रेनों का संचालन भी शुरू कराया। वे जनता की समस्याओं को दूर करने हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं।

आज भी जलते हैं चूल्हे

पन्ना के अरुण सिंह कहते हैं कि जिले में सीमेंट उद्योग नहीं हैं। आदिवासी जंगल की लकड़ियों से चूल्हा जला रहे हैं। खजुराहो के अनुराग तिवारी कहते हैं कि वीडी शर्मा ने हवाई हड्डे का विकास कराया, रेलवे सुविधा प्रारंभ हुई लेकिन छतरपुर से एनटीपीसी का जाना चिंता का विषय है। कटनी के रिजवान हसन कहते हैं कि कांग्रेस के पास मजबूत प्रत्याशी नहीं होने से भाजपा को फायदा मिल रहा है।

पन्ना और छतरपुर में नहीं लग पाए उद्योग

खजुराहो संसदीय सीट पर वर्ष 1991 से 1998 के बीच हुए चुनावों में भाजपा से उमा भारती चुनी जाती रहीं। 1999 में स्थानीय सत्यव्रत चतुर्वेदी कांग्रेस से जीते। 2004 में दमोह के रामकृष्ण कुसमारिया, 2014 में सतना जिले के नागौद के नागेंद्र सिंह और 2019 में मुरैना के वीडी शर्मा भाजपा से जीते। इसके बाद भी पन्ना, छतरपुर में उद्योग नहीं लग पाए।

उमा भारती को मिले वोटों का रिकॉर्ड टूटने की संभावना

खजुराहो सीट पर उमा भारती के नाम पर सबसे ज्यादा 49.95 प्रतिशत वोट मिलने का रिकॉर्ड है। इसके बाद सत्यव्रत चतुर्वेदी 45.77 और तीसरे स्थान पर वीडी शर्मा 44.09 फीसदी है। शर्मा इस बार रिकॉर्ड मतों से जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यहां से इंडिया गठबंधन ने पूर्व आईएएस आरबी प्रजापति फॉरवर्ड ब्लॉक को समर्थन दिया है।

वीरेंद्र को तीन बार ऐसे मिली जीत

  • 2009- पहली बार 16.54 प्रतिशत वोट पाकर कांग्रेस के वृंदावन अहिरवार को 41,862 वोट से हराया।
  • वर्ष 2014-दूसरी बार 27.67 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस के कमलेश वर्मा को 2.8 लाख वोट से हराया।
  • वर्ष 2019-तीसरी बार कांग्रेस की किरण अहिरवार को 40.81 फीसदी वोट पाकर 3.48 लाख वोट से हराया।

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