Mithilesh Yadav
29 Oct 2025
मनीष दीक्षित-भोपाल। 18वें लोकसभा चुनाव में मप्र की गुना संसदीय सीट चर्चा में है। सिंधिया परिवार के प्रभुत्व वाली इस सीट पर जो रिकॉर्ड बन रहा है, शायद बाकी 542 लोकसभा सीटों पर नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बीते दशकों में इस सीट पर भाजपा के जो नेता पानी पी-पीकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोसते थे, आज न केवल उनके साथ गलबहियां कर रहे हैं, बल्कि उनके जयकारे भी लगा रहे हैं।
सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी नेता अब उनके साथ हैं सिंधिया छठवीं बार इस सीट से मैदान में हैं। 2002 के उपचुनाव के बाद से लगातार कांग्रेस के टिकट पर गुना से चुनाव लड़ते आ रहे सिंधिया इस बार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। इस चुनाव में राव देशराज के बेटे राव यादवेंद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। देशराज सिंह को सिंधिया ने 2002 के उपचुनाव में हराया था। पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले यादवेंद्र ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।
रीवा : पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के जनार्दन मिश्रा के विरुद्ध कांग्रेस के सिद्धार्थ तिवारी ‘राज’ चुनाव लड़े थे। सिद्धार्थ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते और पूर्व सांसद सुंदर लाल तिवारी के बेटे हैं। वह विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे और त्योंथर से चुनाव लड़े और जीते। अब जनार्दन मिश्रा के लिए वोट मांग रहे हैं।
राजगढ़ : भाजपा के रोडमल नागर से पराजित हुईं कांग्रेस प्रत्याशी मोना सुस्तानी भी मार्च 2023 में भाजपा में आ चुकी हैं। अब सुस्तानी नागर के लिए प्रचार कर रही हैं।
इंदौर : पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे पंकज संघवी ने हाल ही में भाजपा जॉइन कर ली है। 2019 में भाजपा ने शंकर लालवानी को चुनाव लड़ाया था, जिन्होंने लगभग साढ़े पांच लाख वोटों के अंतर से संघवी को हराया था। इस बार संघवी भी कमल के लिए वोट मांग रहे हैं।
इस चुनाव में इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय बम भी भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं। इंदौर सीट से लालवानी भाजपा से मैदान में हैं। नाम वापसी से दो दिन पहले तक बम अपने प्रचार और विज्ञापन का गुणा-भाग कर रहे थे। ऐन वक्त पर पलटी मारकर वह भाजपा के खेमे में जा बैठे।