
टालोहासी। फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध में दावा किया है कि जो लोग फिल्म देखते समय रो देते हैं। वह अकेलापन के शिकार होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, उनके मरने की संभावना भी बाकी लोगों की तुलना में 10 फीसदी अधिक होती है। बता दें, यह स्टडी 54 साल से कम उम्र वाले लोगों पर की गई। यूके बायो बैंक में इकट्ठा किए गए 5 लाख लोगों के डेटा के आधार पर 17 साल तक इस शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों को शामिल किया गया।
सबसे पहले तो इस रिसर्च में समय से पहले मृत्यु और न्यूरोटिसिजम की जांच की गई। शोध के अनुसार 5 लाख लोगों में से 43,400 की मौत हुई। यह कुल सैम्पल साइज का लगभग 8.8% है। मृत्यु की औसत आयु 70 वर्ष थी। मौत का प्राथमिक कारण कैंसर था। इसके बाद तंत्रिका तंत्र, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र की बीमारियां थीं। जिन लोगों को श्वसन या पाचन संबंधी समस्याएं थीं, वे मूल्यांकन में थके हुए महसूस कर रहे थे।
अकेलेपन के कारण भी समय से पहले हो सकती है मौत
शोधकर्ता एंटोनियो टेरासिआनो के मुताबिक इंसान अक्सर अकेलेपन की समस्या से जूझता है। यह न्यूरोटिक के लक्षण हो सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों में इस तरह की चिंता थी कि वह अकेले हैं, वैसे लोग वक्त से पहले मर जाते हैं, साथ ही उन्हें मौत का खतरा काफी अधिक होता है। अकेलेपन के कारण चिड़चिड़ापन। डर और उदासी जैसे लक्षण अक्सर इसके शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं। अकेलापन के कारण समय से पहले मौत के जोखिम को बढ़ाता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि अकेलापन खुद को खत्म करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। रिसर्च के दौरान मरने वाले लोगों की संख्या 43 हजार थी, वहीं 291 लोगों ने सुसाइड किया है। जिन लोगों ने सुसाइड किया था, उन लोगों ने अपराध बोध, तनाव, स्ट्रेस के कारण खुद को खत्म कर दिया था।