भोपालमध्य प्रदेश

आंगनबाड़ी में अब प्री-स्कूलिंग होगी : CM शिवराज बोले- महिला अपराध में लिप्त बख्शे नहीं जाएंगे; एक साल में कुपोषण मिटाने का लें संकल्‍प

भोपाल। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में महिला-बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं उत्प्रेरण के लिए एक विशेष कार्यकम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। सीएम ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी की सहायिकाओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

इस दौरान सीएम शिवराज ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हमारे आंगनबाड़ी सिर्फ आंगनबाड़ी नहीं रहेंगे। अब प्री स्कूलिंग वहीं होगी। मेरी एक जिद और है कि मैं प्रदेश में लिंगानुपात को बराबर करूंगा। इस कार्यक्रम के पहले विभाग कन्यापूजन करना भूल गया। जिस पर सीएम ने कहा कि आज कन्या पूजन नहीं हुआ। सीएम ने बेटियों से दुराचार करने वाले 87 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। दुराचारी को बख्शेंगे नहीं, घर तोड़ दो…।

सीएम बोले- संकल्प लें, एक भी बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा

कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा सबसे बड़ा दायित्व कुपोषण दूर करना है। महिला एवं बाल विकास विभाग 75% आबादी की सेवा का विभाग है। अपना काम बच्चों की जिंदगी बचाने व बनाने का काम है। क्या महिला बाल विकास विभाग यह संकल्प ले सकता है कि 1 साल के अंदर एक भी बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा? सीएम ने कहा कि हमारा संकल्प है 1000 बेटों पर 1000 बेटियां।

साल 2011-12 तक 1000 बेटों पर 912 बेटियां जन्म लेती थीं। लाडली लक्ष्मी योजना के कारण अब वह संख्या बढ़कर 956 तक हो गई है। अब ओवरऑल लिंगानुपात है 1000 बेटों पर 976 बेटियां। विभाग की योजनाओं का भी लाभ देंगे और समाज से भी सहयोग लेंगे।

आंगनबाड़ी में अब प्री-स्कूलिंग होगी : सीएम

कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हमारे आंगनबाड़ी सिर्फ आंगनबाड़ी नहीं रहेंगे। अब प्री स्कूलिंग वहीं होगी। बेटों के कारण बेटियों के साथ अन्याय होता है। बेटी की सांस जब तक होगी, अपने माता-पिता के लिए चलेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना के कारण चमत्कार हो रहा है, जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें 25 हजार की सम्मान निधि भी दी जाएगी। बेस्ट आंगनबाड़ियों को सम्मानित करने का काम किया जाएगा।

महिला बाल विकास विभाग मेरा परिवार है : सीएम

सीएम शिवराज ने कहा, महिला एवं बाल विकास मेरे लिए विभाग नहीं मेरा अपना परिवार है। मैंने सोचा की मैदानी अमला जो मेहनत करता है, उनसे बात हो। इतनी मेहनत करें और कोई प्रशंसा के बोल ना बोले ये ठीक नहीं है। हमने तय किया है कि मेहनत करने वाले साथियों को सम्मानित करना चाहिए। मैंने एमपी की 8.50 करोड़ जनता की ओर से आपका सम्मान किया है।

सीएम बोले- मैं 18 घंटे काम करता हूं

मैं दिन में 18 घंटे काम करता हूं। सुबह से लेकर रात तक काम करने की तलब है। सुबह से लेकर देर रात तक एक तड़प रहती है कि मुझे मध्यप्रदेश के साढ़े आठ करोड़ लोगों के लिए काम करना है। मैं एक क्षण भी व्यर्थ कैसे गवां सकता हूं? उसी तरह हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिका बहनें बच्चों को सुपोषित करने के लिए जी-जान से लगी रहती हैं।

कुपोषण को बताया राज्य के माथे पर कलंक

सीएम ने कहा कि मुझे प्रदेश में सबसे बड़ा काम कुपोषण दूर करना है। माहिल बाल विकास मतलब आबादी की विकास की सेवा है। एमपी में कुपोषण के मामले में मुझे कलंक सा लगता है। इसमें कोई दो मत नहीं है। कुपोषण कम किया है। आंकड़े गवाह हैं, लेकिन बाकी राज्यों से पीछे है। समाज के पास देने को बहुत कुछ है। इसलिए हमने अडॉप्ट इन आंगनबाड़ी चलाया है। समाज को आंगनबाड़ी से जोड़ दो।

सभी संकल्प लें कि एक साल में सभी कुपोषण दूर करें मुमकिन नहीं पर कोशिश ज़रूर करें। एक दिन मैं भोपाल की सड़कों पर निकला तो लोगों ने दिल खोलकर मदद की। इंदौर में सिर्फ एक घंटे के लिए निकला तो साढ़े 8 करोड़ के चेक मिल गए। इसका मतलब है, समाज बहुत कुछ देना चाहता है।

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