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चांदी और सोलर एक्यूपमेंट सस्ता होने से सोलर एनर्जी में आएगा बूम

100 करोड़ प्रति माह का हो सकता है मप्र में कारोबार

भोपाल। केन्द्रीय बजट में चांदी और सोलर उपकरण सस्ते होने पर सोलर एनर्जी में बूम आएगा। सोलर पैनलों में चांदी का भी उपयोग होता है। आने वाले समय में प्रदेश में सौ करोड़ रुपए का प्रति माह का कारोबार होगा। मकान, दुकान और ऑफिस की छतों पर लगने वाले सोलर पैनलों की संख्या भी बढ़ेगी, क्योंकि चांदी और इक्यूपमेंट सस्ते होने से इनके दामों में नियंत्रण आएगा। इसमें इससे लोगों को रोजगार मिलने के साथ, सस्ते दरों पर बिजली मिलेगी।

वहीं लीथियम बैटरी सस्ती होने से हाइब्रिड सोलर सिस्टम लगाने की तरफ लोगों का रुझान बढ़ेगा। लीथियम बैट्री का उपयोग कम होगा। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली में एक करोड़ घरों तक पहुंचने का टारगेट रखा गया है। इसमें अभी तक एक करोड़ 28 लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं, इसके साथ ही 14 लाख लोगों के आवेदन आए हैं। इसके तहत प्रति माह प्रति घरों से 300 यूनिट बिजली तैयार करने का लक्ष्य है।

एक दर्जन से अधिक मेगा प्रोजेक्ट पाइप लाइन में

मध्य प्रदेश में सोलर के एक दर्जन से अधिक मेगा प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं। इससे इन प्रोजेक्टों पर निवेश बढ़ने की संभावना है। प्रदेश में सोलर से जुड़ा जितना ज्यादा निवेश होगा, उतनी सस्ती बिजली मध्य प्रदेश को मिलेगी। मध्य प्रदेश में वर्तमान समय में रीवा अल्ट्रा सोलर प्रोजेक्ट सहित सभी प्रोजेक्टों में 2600 मेगावाट के बिजली संयंत्र स्थापित हैं। आने वाले समय में मुरैना, ओंकारेश्वर और नीमच मेगा सोलर प्रोजेक्ट में दो हजार मेगावाट सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे।

बड़े-बड़े निवेशक आएंगे

मध्य प्रदेश में सोलर एनर्जी पर बड़े-बड़े निवेशक आएंगे। क्योंकि केन्द्र ने लीथियम बैट्री, चांदी और सोलर उपकरण सस्ते होने से सोलर संयंत्रों की लागत राशि में नियंत्रण होगा। लोगों के घरों में काम दामों पर सोलर संयंत्र स्थापित होगा। इसकी डिमांड ज्यादा बढ़ने से इससे जुड़ी मैन्यू फैक्चरिंग यूनिटें भी प्रदेश में स्थापित की जाएंगी। -नितिन भार्गव, संचालक, होलिस्टिक सोलरकेयर प्राइवेट लिमिटेड

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