
भोपाल। वन मंत्री राम निवास रावत को विभाग की पहली बैठक में ही अफसरों की खरी-खरी सुननी पड़ी। मंत्री ने बुधवार को वन भवन में समीक्षा बैठक बुलाई थी। यहां वन मंत्री ने पूछा- गर्मी में पेड़ों को पानी देने की कोई व्यवस्था है? इस पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा-कोई व्यवस्था नहीं है, क्योंकि सरकार इसके लिए बजट ही नहीं देती। बैठक में बताया गया कि प्रतिवर्ष तीन करोड़ से अधिक रोपे जा रहे हैं, इसके बाद भी सामान्य वनों में हरियाली नहीं बढ़ रही है।
इस पर मंत्री ने कहा कि पौधे कम लगाओ और उसी बजट से पौधों में पानी डालने की व्यवस्था करो। ऐसे काम चलेगा कि पौधे लगाते चले जाओ और उसे भूल जाओ। मंत्री ने कहा कि पौधों का सर्वाइवल रेट बढ़ाने के लिए ज्यादा बड़े पौधे लगाए जाएं, अभी बहुत छोटे पौधे लगाए जा रहे हैं। जिससे पौधे जिंदा नहीं रह पाते। वन्यप्राणी विभाग की बात आने पर एसीएस अशोक वर्णवाल ने कहा प्रदेश में बढ़ते टाइगर समस्या बनते जा रहे हैं।
कूनो में आ रहे गांव बाहर हों
मंत्री ने कहा कि कूनो पार्क के अंदर आ रहे गांव बाहर किए जाएं, जिससे भविष्य में मानव वन्यप्राणी द्वंद को रोका जा सके। चीतों की मॉनिटरिंग और उनके सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखा जाए। अधिकारियों ने बताया कि कूनो में 13 चीते और 13 शावक हैं। इन्हें दूसरे पार्कों में भी री-लोकेट करने की योजना है।
ससईपुरा में काम चल रहा
मंत्री ने सवाल किया कि इको टूरिज्म में हम क्या काम कर रहे हैं। इस पर अधिकारियों ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। इसमें समरधा और ससईपुरा क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल है।