राकेश भारती-ग्वालियर। प्रदेश के सुरा प्रेमियों में देसी मदिरा व बीयर के प्रति मोह बढ़ा है। यही कारण है कि बीते साल की अपेक्षा चालू वित्तीय वर्ष के पहले 6 माह में देसी मदिरा बिक्री में 6.74% व बीयर में 21.03% की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विदेश मदिरा से मोहभंग होने पर खपत में 3.69% की कमी आई है। हालांकि आबकारी को 699 करोड़ ज्यादा वसूली मिली है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले छह माह में विदेशी मदिरा की बिक्री 333.89 लाख प्रूफ लीटर हुई, जबकि बीते वित्तीय वर्ष में इन्ही 6 माह में यह खपत 346.67 लाख प्रूफ लीटर थी।
देसी मदिरा की खपत बीते वित्तीय वर्ष में 694.59 लाख प्रूफ लीटर हुई, जो चालू वित्तीय वर्ष में बढ़कर 741.42 लाख प्रूफ लीटर हो गई है। बीयर बीते साल की पहली छमाही के आंकड़े से 1041.57 लाख बल्क लीटर से उछलकर इस बार 1260.54 लाख बल्क लीटर को छू गई है।
राजस्व वसूली में मिले 10.93% ज्यादा
आबकारी अधिकारियों ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार ने 16,000 करोड़ राजस्व वसूली का टारगेट तय कर रखा है और चालू वित्तीय वर्ष के सितंबर माह तक 7095 करोड़ की राशि टारगेट अनुसार वसूल हो चुकी है। जबकि आबकारी अधिकारियों को बीते वर्ष सितंबर तक 6396.21 करोड़ की राशि मिली थी, जो वर्तमान में मिली राशि से 10.93 प्रतिशत कम है।
वर्ष देसी विदेशी बीयर
2019-20 1130 583.48 1099.76
2020-21 899.16 420.65 840.77
2021-22 1020.38 471.03 962.18
2022-23 1448.22 684.69 1909.18
2023-24 1425.28 744.90 1933.35
नोट : देसी-विदेशी मदिरा की नाप इकाई लाख प्रूफ लीटर व बीयर की बल्क लीटर है।
स्रोत : आबकारी विभाग
विदेश शराब की खपत कम होने के कारण
- बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा में शराब की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि।
- उप्र, हरियाणा के जरिए सस्ती व अवैध शराब कारोबार का दखल।
शराब बिक्री के लिए लाइसेंसी बाध्य नहीं है कि उसे देसी विदेशी एक समान मात्रा में बेचना है। वह हमको केवल तय रेवेन्यू देने के लिए बाध्य है। – अभिजीत अग्रवाल, आयुक्त, मध्यप्रदेश आबकारी