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‘बंदा जेल से बाहर ना आ जाए…’ केजरीवाल की गिरफ्तारी पर पत्नी सुनीता बोलीं

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में ED के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। इसे लेकर दिल्ली सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को तानाशाही करार दिया।

‘बंदा जेल से बाहर ना आ जाए…’ – सुनीता केजरीवाल

सुनीता केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा- 20जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली। तुरंत ED ने stay लगवा लिया। अगले ही दिन CBI ने accused बना दिया।और आज गिरफ्तार कर लिया। पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये। ये कानून नहीं है। ये तानाशाही है, इमरजेंसी है।

मनीष सिसौदिया निर्दोष हैं – केजरीवाल

सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि, सीबीआई दावा कर रही है कि मैंने मनीष सिसौदिया के खिलाफ बयान दिया है, यह गलत है। मनीष सिसौदिया निर्दोष हैं, आम आदमी पार्टी निर्दोष है और मैं भी निर्दोष हूं।

केजरीवाल का शुगर लेवल हुआ डाउन

CBI की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उनका शुगर लेवल डाउन हो गया। इसके बाद उन्हें चाय और बिस्किट के लिए कोर्ट रूम से बाहर ले जाकर दूसरे रूम में बैठाया गया।

तिहाड़ जेल में CBI ने केजरीवाल से की पूछताछ

25 जून को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल से पूछताछ की। इस दौरान उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

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