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देश के पहले चुनाव में लागू था ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का फार्मूला

इलेक्शन मेमोरी :गुलाबी-सफेद पर्चियां डालकर हुआ था पहला आम चुनाव, बैलगाड़ियों से आई थीं मतपेटियां

राजीव सोनी- चुनावी प्रक्रिया को लेकर ”समय का पहिया ” घूमकर पुरानी स्थिति पर ही लौटता दिख रहा है। देश में आजादी के बाद 1952 में पहले चुनाव ”वन नेशन वन इलेक्शन ” की थीम पर ही हुए थे। अब फिर उसी व्यवस्था को लागू करने की कवायद तेजी से चल पड़ी है। शुरुआती दौर में वोटर्स चुनाव चिन्ह वाले डिब्बों में सफेद-नारंगी पर्चियां डालकर एक साथ सांसद और विधायक का चुनाव कर लेते थे। निर्वाचन प्रक्रिया भी बैलेट पेपर्स से होते हुए अब ईवीएम तक जा पहुंची। अब तो दिव्यांग और बुजुर्ग वोटर्स को घर बैठे ही वोट डालने को मिल रहा है।

प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं जो देश के पहले चुनाव से मतदान प्रक्रिया में अब तक हुए बदलाव के साक्षी हैं। जनसंघ के जमाने में मंदसौर जिले में विधायक रहे राजेंद्र सिंह सिसोदिया बताते हैं कि मैंने वह दौर भी देखा है और मौजूदा व्यवस्था भी देख रहा हूं। 1951-52 के दौरान पहली बार होने वाले चुनावों के लिए मतदान पेटियां बनाने का काम गोदरेज कंपनी को सौंपा गया था। पहले और दूसरे चुनाव तक ”वन नेशन वन इलेक्शन ” की व्यवस्था ही लागू थी। तब बैलगाड़ियों से मतदान पेटियों का परिवहन होता था। सरकारें गिरने से 1967 के बाद चुनाव आगे पीछे होने लगे।

समिति कर रही मंथन

देश में ”वन नेशन वन इलेक्शन ” व्यवस्था लागू करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में विशेष कमेटी बनाई है। भोपाल के सीनियर सिटीजन डीके दीक्षित कहते हैं कि पुरानी व्यवस्था बहाल होने से समय और पैसों की बर्बादी रुकेगी।

दो रंग की पर्ची से एक साथ चुन लिए सांसद-विधायक

पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी बताते हैं पहली बार के चुनाव में डिब्बों पर उगता सूरज, धनुष बाण और शेर जैसे चिन्ह थे। वोटर्स को दो रंग की पर्चियां दे दी गईं थीं जिन्हें उन्होंने अपनी पसंद के चिन्ह वाले डिब्बों में डालकर एक साथ सांसद और विधायक चुने थे।

ऐसे बदलती गई वोटिंग प्रक्रिया

  • 1952 लकड़ी के विभिन्न रंगों के डिब्बों पर चुनाव चिन्ह।
  • 1962 पहली बार बैलेट पेपर पर ठप्पा लगने लगा।
  • 2002 विधानसभा चुनाव में कुछ जगह ईवीएम का प्रयोग।
  • 2004 लोकसभा चुनाव में भी पहली बार ईवीएम आई।
  • 2023 विस चुनावों से दिव्यांग और बुजुर्गों को घर से वोटिंग सुविधा।

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