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वर्कशॉप में थिएटर एक्सरसाइज से लेकर ताल, सुर और लयकारी तक सिखा रहे डायरेक्टर

न्यू मार्केट से लेकर करोंद तक में चल रहीं रंगमंच सिखाने की वर्कशॉप

प्रीति जैन- समर वेकेशंस में बच्चे डांस, ड्राइंग, पेंटिंग तो सीखते ही हैं लेकिन इस साल बच्चों का रुझान थिएटर की तरफ भी देखा जा रहा है। शहर में अलग-अलग जगहों पर वर्कशॉप चल रहीं हैं, जिसमें बच्चे नाट्य निर्देशकों की टीम के साथ रंगमंच विधा की बारीकियां सीख रहे हैं। बच्चों को मनोरंजक ढंग से सिखाने के लिए उनके साथ खूब बातें व खेलकूद करते हुए क्लास लगती है, जिसमें शहर के नामी कलाकार आकर बच्चों को कभी पॉटरी मेकिंग तो कभी प्रॉप्स बनाना सिखाते हैं।

बच्चों को खुद को अभिव्यक्त करने का मौका दिया जाता है, ताकि उनके भीतर छुपे कला के तमाम रंग खिलकर बाहर आ सकें और रंगमंच की क्लास के जरिए थिएटर की अगली पीढ़ी तैयार हो सके। वर्कशॉप में तैयार नाटकों का मंचन जून माह में बच्चों द्वारा ही किया जाएगा।

जून तक चलेगी थिएटर क्लास

गांधी भवन में थिएटर कार्यशाला 5 जून तक दो सत्रों में आयोजित की जा रही है। पहले सत्र में 5 से 16 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागी बाल कलाकारों को मुखौटा बनाने, गीत गाने, अभिनय व गायन-वादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों को नाट्य प्रस्तुति व मंचीय गतिविधियों से अवगत कराया जाता है। साथ ही घर में बेकार पड़ी वस्तुओं को लेकर सजावटी सामान तैयार करवाने आदि की थिएटर कार्यशाला सुबह 11 से शाम 5 बजे तक रहती है। वर्कशॉप में नाटक भी तैयार कराएंगे, जिसके मंचन से लेकर मंचीय व्यवस्था आदि सभी बच्चे ही देखेंगे। वर्कशॉप में तैयार की गईं प्रस्तुतियों का मंचन 7 व 8 जून को होगा। – वैशाली गुप्ता, डायरेक्टर चिल्ड्रन थिएटर अकादमी

हर पहलू से करा रहे बच्चों को रूबरू

संगीत वाद्यों से भरे हॉल में प्रवेश करने पर बच्चों की जिज्ञासा उन्हें छूकर देखने की थी। विशेष सत्र में नितेश, राजेश और तेजस्विता अनंत ने संगीत के बारे में जानकारी दी। बच्चों से गायन करवाया और नई धुनें बनवार्इं। ताल, स्वर, लय, शब्द के इस सेशन में बच्चों से कई सवाल किए गए। म्यूजिक की बेसिक चीज ध्वनि है। मधुर और भाव जन्य ध्वनियों को सही क्रम में जमाने पर संगीत बनता है। बच्चों को पॉटरी मेकिंग से लेकर कहानी कहने, संगीत को समझने, अभिनय के अंग सभी कुछ सीखा रहे हैं। – सौरभ अनंत, नाट्य निर्देशक, विहान ड्रामा

करोंद क्षेत्र के बच्चों को मिला मौका

करोंद क्षेत्र में अभिनय की वर्कशॉप नहीं हुआ करती थी, यहां के बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में कुछ नया सीखना मिस करते थे लेकिन इस बार हमें जो रिस्पॉन्स मिला है, उससे लगता है कि सभी की रुचि नई-नई चीजें सीखने में है। इस कैंप में बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सभी कुछ सिखा रहे हैं। हम 4 से 14 साल तक के बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। साथ ही संगीत व नृत्य भी सीखा रहे हैं। – अनन्या नामदेव, कथावस्तु कला समूह

सीन वर्क, वॉइस-स्पीच, अभिनय पर करा रहे काम

बच्चों को बेसिक्स ऑफ थिएटर, अभिनय, वॉइस-स्पीच, थिएटर गेम्स, इम्प्रोवाइजेशन, सीन वर्क आदि पर कार्य कराया जा रहा है। साथ ही थिएटर एक्सरसाइज जैसे अलर्टनेस, ऑब्जर्वेशन एवं वॉइस प्रोजेक्शन पर कार्य करवाया गया। सीन क्रिएट विद प्रॉपर्टी पर कार्य करना समझाया जा रहा है। आने वाले दिनों में सीन वर्क भी करवाए जाएंगे। – मंजूमणि हतवलने, प्रतिभालय अकादमी

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