Mithilesh Yadav
15 Oct 2025
Aditi Rawat
15 Oct 2025
Priyanshi Soni
15 Oct 2025
Priyanshi Soni
15 Oct 2025
Aakash Waghmare
15 Oct 2025
पल्लवी वाघेला-भोपाल। दंपति के बीच छोटे-छोटे मनमुटाव बड़े झगड़े में बदल गए। वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भड़ास निकालने का जरिया बन गए। आखिर दंपति ने सहमति से तलाक का फैसला लिया। समझौते की शर्तें लिखी जाने लगी तो दंपति ने उसमें जुड़वाया कि सोशल मीडिया पर दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कोई कमेंट या पोस्ट शेयर नहीं करेंगे।
यह कहानी है रोहित नगर निवासी कपल की। लेकिन, ये इकलौते नहीं, कई कपल रिश्ते में खटास आने के बाद सोशल मीडिया पर पार्टनर द्वारा की जाने वाली छिछालेदार से डरते हैं। नतीजा, समझौते की शर्त में इंटरनेट पर बदनाम न करना अनिवार्य हो गई। भोपाल में दो साल में 38 मामलों में ऐसी शर्त रखी गई।
फैमिली कोर्ट की काउंसलर शैल अवस्थी ने बताया कि कोविड के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी बढ़ा। बीते दो साल में इस तरह के केस काफी सामने आ रहे हैं, जिनमें कपल चाहते हैं कि सोशल मीडिया पर उनके बारे में कुछ गलत नहीं लिखा जाए। इसलिए ऐसी शर्त रख रहे।
गौतम नगर के दंपति में पति 12वीं फेल था जबकि पत्नी शादी के बाद ग्रेजुएट होकर जॉब करने लगी। पत्नी चाहती थी पति आगे पढ़े और पति चाहता था वह जॉब न करे। इसके चलते बात तलाक तक पहुंच गई। दोनों ने राजीनामे में संपत्ति के हिस्से में बंटवारे के साथ शर्त रखी कि सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के लिए कुछ गलत नहीं लिखेंगे।
अरेरा कॉलोनी निवासी परिवार के बच्चों ने तीन साल के विवाद के बाद सहमति से अलग होने का निर्णय लिया। दोनों का कहना था कि सोशल सर्कल में इस कड़वाहट की जानकारी नहीं लगे। समझौते में एक-दूसरे के खिलाफ किसी भी तरह की पोस्ट लिखने पर केस करवाने और साथ ही समझौता रद्द करने की शर्त शामिल की गई।
बीते कुछ समय में हमारे पास ऐसे बहुत सारे मामले आए हैं, जिनमें पतियों ने यह शिकायत की है कि पत्नियां उन्हें सोशल मीडिया पर निकम्मा, फिजिकली अनफिट और अय्याश करार दे रही हैं। इस तरह की समस्या महिलाएं भी फेस कर रही हैं। दरअसल, बीते कुछ सालों में सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को बदनाम करने के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसका नतीजा है कि लोग खुद को सेफ रखने यह शर्त रख रहे हैं। -जकी अहमद, कोऑर्डिनेटर, भाई संस्था, भोपाल