
संतोष चौधरी-भोपाल। वन विभाग, नगर निगम और पर्यावरण वानिकी (पहले सीपीए) का दावा है कि बीते पांच साल में भोपाल जिले में 30 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। हालांकि कितने पौधे जीवित बचे, इसका रिकॉर्ड इनके पास नहीं है। इधर, चिंता की बात यह है कि बीते 10 साल में सरकारी, गैस सरकारी निर्माण के नाम पर 3 लाख से अधिक पेड़ काटे गए। इनमें अकेले सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर 95 हजार से अधिक पेड़ काटे गए। हालांकि पर्यावरणविदें की मानें तो सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर काटे गए पेड़ों की संख्या दोगुनी है।
इनमें से अधिकतर की उम्र 40 साल से ज्यादा थी। असल में प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों को काटने के लिए जो अनुमति ली जाती है, उनमें बड़ा खेल होता है। अनुमति के मुकाबले चार से पांच गुना ज्यादा पेड़ काटे जाते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों की मानें तो पेड़ों की लगातार कटाई से एक दशक में भोपाल में ग्रीन कवर 35 से घटकर 9 फीसदी रह गया। जिस तेजी से पेड़ कट रहे हैं, 2025 तक ग्रीन कवर 3 फीसदी तक रह जाने का अनुमान है।
साल में दो बार थर्ड पार्टी वैल्यूएशन : पर्यावरण वानिकी पौधे का साल में दो बार थर्ड पार्टी वैल्यूएशन कराता है। रखरखाव भी संबंधित एजेंसी करती है। मूल पौधा जीवित न होने पर उसे बदल दिया जाता है।
10 साल में आबादी 5% बढ़ी, ग्रीन कवर 26 % कम हो गया
- 2009 से 2019 के बीच शहर की आबादी 5 फीसदी बढ़ी, जबकि शहर का ग्रीन कवर 26 फीसदी कम हो गया। इस दौरान 60 फीसदी पेड़ काटे गए। 40 फीसदी पेड़ 2009 से 2013 के बीच काटे गए।
- शहर के ग्रीन कवर में 13 फीसदी की गिरावट बीते तीन साल में आई है।
5 साल में जिले में रोपे गए पौधे
वन विभाग 23,44,940
नगर निगम 5,00,000
पर्यावरण वानिकी 1,87,000
भोपाल में कुछ बड़े सरकारी प्रोजेक्ट के लिए काटे गए पेड़
बीआरटीएस कॉरिडोर 2,400
सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट टीटी नगर 3,000
शौर्य स्मारक अरेरा हिल्स 2000
सिंगारचोली ब्रिज और सड़क चौड़ीकरण 1,800
हबीबगंज स्टेशन 1382
विधायक विश्रामगृह निर्माण 1,149
लेक व्यू फ्रंट प्रोजेक्ट 140
रातीबड़-भदभदा रोड निर्माण 1800
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट टीटी नगर 6000
थर्ड रेल लाइन 8000
कोलार सिक्स लेन 4,105
राजधानी में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। एजेंसियां बढ़ा-चढ़ाकर पौधरोपण के आंकड़े जारी करती हैं। मैं तो 15 सालों से भोपाल में पेड़ों पर सर्वे कर रहा हूं। कोई भी एजेंसी यह बताने को तैयार नहीं है कि उसके द्वारा लगाए गए कितने पेड़ आज की तारीख में जीवित हैं। -सुभाष सी पांडे, पर्यावरणविद्,
जो पौधे बारिश के तत्काल बाद लग जाते हैं, उसका सर्वाइवल रेट ज्यादा होता है। पौधों का नियमित रखरखाव होता है। कैंपा फंड द्वारा 7 साल में लगाए गए 75 फीसदी और बाकी विभागीय पौधे 30 प्रतिशत तक जीवित रहते हैं। – आलोक पाठक, डीएफओ भोपाल
हर माह 8 से 10 पेड़ों को काटने की अनुमतियां दी जाती हैं। इसके अलावा जब सरकारी प्रोजेक्ट का काम बढ़ जाता है, तो पेड़ों की कटाई की संख्या बढ़ जाती है। निगम हर साल न्यूनतम एक लाख पौधे लगाता है। इन पौधों का नियमित रखरखाव किया जाता है। – संतोष गुप्ता, प्रभारी उद्यानिकी, नगर निगम