ग्वालियरमध्य प्रदेश

दातून तोड़ने गए बच्चे को किया बंद, पिता को भी सालाखों के पीछे डाला

शिवपुरी में रेंजर की कार्रवाई

शिवपुरी। पर्यटक स्थल भदैया कुंड पर शनिवार सुबह एक महिला रेंजर ने एक बच्चे को इसलिए पकड़ कर बैरेक में बंद कर दिया क्योंकि वो दातून तोड़ रहा था। उसके पिता को भी विभाग के अमले ने पकड़ कर बंद कर दिया। लोगों का कहना है कि वन विभाग का अमला और रेंजर पिता और पुत्र द्वारा दातून तोड़ने तक इंतजार करते रहे। जैसे ही उन्होंने दातून तोड़ा तो उन्हें पकड़ लिया। जबकि, उन्हें दोनों को अपराध करने से पहले ही रोकना था।

क्या है घटना

ऋषि पंचमी के व्रत और पूजा के लिए महिलाओं को जंगल में उगने वाली खरपतवार की जरूरत होती है। इसी के लिए शनिवार को शहर के लोग भदैया कुंड के आसपास गए थे। उनमें नीरज सिंह सिसौदिया, ठाकुरदास शाक्य व उसका बच्चा राज शामिल थे। नीरज के अनुसार जैसे ही वह भदैया कुंड पहुंचा तो वहीं ठाकुरदास भी खड़ा था। पास में ही रेंजर मैडम की जीप खड़ी थी। करीब 10 मिनट हम वहां खड़े रहे तो किसी ने कुछ नहीं कहा। इसके बाद हम दातून की तलाश में बाउंड्री फांद कर अंदर जाने की कोशिश की तो मैडम और उनके ड्राइवर ने हमें पकड़ लिया व वन थाने लाकर बैरेक में बंद कर दिया। इस कार्रवाई में बच्चे को भी शामिल किया गया। जैसे ही मीडिया वहां पहुंचा तो बच्चे को बाहर निकाल दिया।
नीरज का आरोप है कि न तो मैडम ने हमें रोका और न ही आगाह किया कि यहां से चढ़ना अपराध है, ऐसा लग रहा था कि मैडम हमारे चढ़ने के इंतजार कर रही थीं। 5 घंटे तक उन्हें बैरेक में रखने के बाद चालान काटा गया।

क्या है कानून

अधिवक्ता चंद्रभान सिंह सिकरवार ने बताया कि कानून कहता है कि अगर किसी लोकसेवक के सामने कोई अपराध हो रहा है या अपराध होने की संभावना है तो उक्त लोकसेवक को उसे होने से रोकना चाहिए। एक आम आदमी भी यह कर सकता है। यह मूल कर्तव्य की श्रेणी में आता है, लेकिन रेंजर ने ऐसा नहीं किया।

मैंने बच्चे को बंद नहीं किया, इनको अवैध प्रवेश के जुर्म में पकड़ा गया था, लेकिन बैरेक में बंद नहीं किया गया।
पिंकी रघुवंशी, रेंजर

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