
इंदौर। बीते दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने डिजिटल हाउस अरेस्ट मामले में एक रेस्क्यू किया था। वहीं इस मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इंदौर के TCS कंपनी में काम करने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसिया से आरोपी विक्रम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आरोपी ने कई अहम खुलासे किए हैं।
पूछताछ में हुए बड़े खुलासे
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपी विक्रम बिश्नोई टेलीग्राम पर सक्रिय एक चाइनीज ग्रुप के जरिए चीनी व्यक्ति TLX के संपर्क में आया था। कमीशन के लालच में आरोपी ने चीनी व्यक्ति के साथ मिलकर डिजिटल हाउस अरेस्ट के जरिए ठगी का जाल फैलाया।
आरोपी के कबूलनामे
- बैंक खातों का दुरुपयोग: टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बैंक खाता धारकों के अकाउंट में आए पैसे का स्क्रीनशॉट साझा किया जाता था।
- क्रिप्टो करेंसी में ट्रांजेक्शन: ठगी के पैसे को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर बिनेंस अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था।
- चीनी वॉलेट में ट्रांसफर: बाद में ये राशि चीनी QR कोड के माध्यम से TLX के वॉलेट में भेजी जाती थी।
- फरियादी का नुकसान: फरियादी के 35,000 रुपए जोधपुर में आरोपी के साथी के खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपी ने अब तक 8 लाख रुपए क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट कर चीनी व्यक्ति के खाते में भेजे हैं।
साइबर सुरक्षा पर एडवाइजरी
वहीं एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने इस पूरे मामले को लेकर कुछ अहम जानकारियां दी और साइबर ठगी साइबर हाउस अरेस्ट को लेकर स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लेकर भी एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर सिक्योरिटी से बचाव के तरीके बताए गए हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सतर्क रहने और किसी भी अनजान लिंक या ग्रुप से दूर रहने की सलाह दी है।
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