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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के एक और संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत पर लगाया बैन, गृह मंत्री बोले- आतंकी गतिविधियों में था शामिल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कश्मीरी अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी के तहत रविवार को केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीरी अलगाववादी पार्टी ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ को आतंकवादी संगठन घोषित कर उस पर बैन लगा दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत को गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। इससे पहले घाटी के एक और संगठन को बैन किया गया था। केंद्र सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग (मसर्रत आलम गुट) पर बैन लगाया था।

आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप

‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद, आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कई संगीन आरोप हैं। ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ जम्मू-कश्मीर का एक अलगाववादी राजनीतिक दल था। इसकी स्थापना 7 अगस्त 2004 को सैयद शाह गिलानी ने की थी।

कश्मीर को भारत से अलग करने का था मकसद : अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि, तहरीक-ए-हुर्रियत आतंकी गतिविधियों में शामिल था और उसका मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना था।
केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- ‘तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर को UAPA के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल था। ये संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार कर रहा है और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। अमित शाह ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद को लेकर जीरो-टोलरेंस की नीति के तहत अगर कोई व्यक्ति या संगठन भारत-विरोधी गतिविधि में शामिल रहता है, तो उसे तुरंत विफल कर दिया जाएगा। मोदी सरकार घाटी से आतंक के सफाए के लिए लगातार अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई कर रही है।

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