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OpenAI ने लॉन्च किया नया ‘Deep Research’ टूल, मिनटों में करेगा डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार, अब रिसर्च दस गुना ज्यादा तेज, फोटो और PDF का भी एनालिसिस हुआ आसान

OpenAI Deep Research: AI स्टार्टअप ओपन AI (OpenAI) ने ChatGPT का नया फीचर ‘Deep Research’ लॉन्च किया है। यह फीचर इंटरनेट पर गहराई से रिसर्च कर सकता है और कुछ ही मिनटों में पूरी रिपोर्ट तैयार कर सकता है। यह प्रोफेशनल्स और आम यूजर्स दोनों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ये फोटो, PDFs और अन्य वेब कंटेंट का भी एनालिसिस कर सकता है, जो इसे बेहतर बनाता है। 

कैसे करे ‘Deep Research’ का इस्तेमाल ?

यह टूल फाइनेंस, साइंस, पॉलिसी और अन्य प्रोफेशनल क्षेत्रों के लिए बनाया गया है। लेकिन आम यूजर्स के लिए भी काफी उपयोगी है। उदाहरण के लिए, अगर आप बेस्ट लैपटॉप या ट्रैवल प्लानिंग पर रिसर्च करना चाहते हैं, तो यह टूल सैकड़ों स्रोतों से जानकारी इकट्ठा कर एक डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार कर सकता है। यह फोटो, PDFs और अन्य वेब कंटेंट का विश्लेषण करता है और आम सर्च इंजन की तुलना में ज्यादा गहराई से जानकारी प्रदान करता है।

5 से 30 मिनट में मिल जाएगी पूरी डिटेल्ड रिपोर्ट 

फिलहाल, ‘Deep Research’ केवल ChatGPT Pro यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जिसमें 100 क्वेरी प्रति माह की लिमिट है। लेकिन जल्द ही इसे Plus और Team यूजर्स के लिए भी रोल आउट किया जाएगा।

  • ChatGPT के मैसेज कंपोजर में ‘Deep Research’ ऑप्शन चुनें।
  • अपनी क्वेरी दर्ज करें, साथ ही फाइल्स या स्प्रेडशीट अपलोड कर सकते हैं।
  • एक साइडबार दिखाई देगा, जो रिसर्च प्रोसेस और सोर्सेज दिखाएगा।
  • 5 से 30 मिनट में पूरी रिपोर्ट मिल जाएगी, जिसमें सोर्सेज के साथ पूरा एनालिसिस होगा।
  • भविष्य में इसमें इमेज, चार्ट और अन्य विज़ुअल्स भी जोड़े जाएंगे।

‘Deep Research’ को तेज और किफायती बनाने पर काम जारी 

अभी यह फीचर सिर्फ ChatGPT वेब ऐप पर उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही इसे मोबाइल और डेस्कटॉप वर्जन में भी लाया जाएगा। OpenAI इसे सब्सक्रिप्शन-बेस्ड डेटाबेस और खास स्रोतों से जानकारी जुटाने के लिए विकसित कर रहा है। यूके, स्विट्जरलैंड और यूरोपियन इकोनॉमिक एरिया में इसकी उपलब्धता पर काम जारी है। साथ ही, OpenAI इसे और तेज और किफायती बनाने पर भी काम कर रहा है।

गलत तरीके से इंटरप्रेट कर सकता है डाटा 

कभी-कभी यह टूल जानकारी को गलत तरीके से इंटरप्रेट कर सकता है और भरोसेमंद व अविश्वसनीय सोर्स में फर्क करने में गलती कर सकता है। इसके अलावा, रिसर्च प्रोसेस कभी-कभी अपेक्षा से अधिक समय ले सकती है।

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