नरेन्द्र सिंह-जबलपुर। शहर की कदम संस्था पिछले 25 सालों से प्रदेश की लोक संस्कृति के लिए निरंतर काम कर रही है। संस्था के सदस्य माइम यानि मूक अभिनय कला व अहीर नृत्य, नौरता नृत्य, राई व बुंदेली करमा नृत्यों का प्रशिक्षण पिछड़ी बस्ती के बच्चों को दे रहे हैं। संस्था अब तक करीब 5 हजार से अधिक बच्चों अपने प्रयासों से लोकनृत्यों का प्रशिक्षण दे चुकी है। वर्ष 1996 में गुरुदेव डॉ. शैलेंद्र पांडे एवं पंकज गोस्वामी की अगवाई में आयोजित प्रथम कैंप उप नगरीय क्षेत्र रांझी में 50 बच्चों ने हिस्सा लिया था। अब इनकी संख्या 2 हजार तक पहुंच चुकी है।
यहां से प्रशिक्षण प्राप्त रानी दुर्गावती विवि के दल ने गोवा में वर्ष 2015, 2016, 2023 और 2024 में राष्ट्रीय युवा उत्सव में प्रथम स्थान अर्जित कर रादुविवि को 4 बार लोक नृत्य विधा में नेशनल में चैंपियन बनाया व लोक नृत्य विधा की ओवरऑल चैंपियनशिप भी हासिल की। मप्र शासन संस्कृति विभाग ने इस वर्ष खजुराहो में आयोजित कत्थक कुंभ में संस्था के 11 सदस्यीय दल ने नीता दीक्षित के निर्देशन में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। अहीर नृत्य के 1000 से ज्यादा प्रस्तुतीकरण दिए।
मैंने 2006 से कदम संस्था के नि:शुल्क समर कैंप में प्रशिक्षण लिया। इंटर स्कूल व इंटर कॉलेज स्तर पर 5 बार नेशनल में भाग लिया व प्रथम स्थान अर्जित किया। कृष्णकांत दीक्षित के निर्देशन में योगा एरोबिक्स के ट्रेनर के रूप में जबलपुर के स्कूल-कॉलेजों में प्रशिक्षण दे रहा हूं। -प्रवीण विनोदिया, ऐरोबिक्स-लोकनृत्य ट्रेनर।
मैं 2008 में शिविर में शामिल हुआ। इस वर्ष युवा उत्सव में रादुविवि में प्रथम स्थान लोकनृत्य में अर्जित किया है। मैं प्राइवेट बैंक में कर्मचारी हूं । इसके साथ ही स्कूलों-कॉलेजों में पहुंचकर छात्रों को लोकनृत्य का अभ्यास करवाते हैं। -सुरेन्द्र चौधरी, लोक नृत्य ट्रेनर।