
जबलपुर रेलवे स्टेशन के आस-पास चल रहे बेस किचन में आरपीएफ ने छापा मारा है। जांच के दौरान मिले दस्तावेजों को खंगाला गया। वहीं यहां काम करने वाले कर्मचारियों से लेकर बेस किचन चलाने वाले संचालकों से पूछताछ की गई। बताया गया कि रेलवे स्टेशन में अवैध और गुणवत्ताहीन खाना यात्रियों को परोसा जा रहा था।
रेल अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ ने शहर के तीन बेस किचन में दबिश दी, जिसमें एक सेंटर को रेलवे द्वारा ऑनलाइन खाना सप्लाई करने से जुड़े दस्तावेज मिले। वहीं एक सेंटर के आईआरसीटीसी का ऑनलाइन ऑर्डर लेने के लिए अधिकृत पाया गया, लेकिन उसके वेंडर के पास कार्ड नहीं होने के कारण उसके विरुद्ध रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। साथ ही प्लेटफार्म नंबर-4 पर खाना सप्लाई करते एक वेंडर को पकड़ा, जिसकी जानकारी के आधार पर दूसरे पुल स्थित एक भोजनालय में दबिश दी गई। यहां मौके पर जांच के दौरान संचालक के पास किसी तरह की स्वीकृति पत्र या आईआरसीटीसी की परमिशन नहीं मिली।
अवैध वेंडरों पर बनाए प्रकरण
आईआरसीटीसी के एजेंट, रेस्टारेंट और बेस किचन के संबंध में सहायक उप निरीक्षक अरविंद सिंह के साथ अपराध खुफिया शाखा प्रभारी से उपनिरीक्षक धर्मेंद पटेल, सोबरन सिंह, राघवेंद्र पाठक की टीम गठित कर कुछ स्थानों की जांच कराई गई। इस दौरान अवैध वेंडरों के विरूद्ध प्रकरण भी बनाए गए। हालांकि अधिकतर बेस किचन चलाने वालों के परमिशन होने की बात कहीं, लेकिन वे इन दस्तावेजों को पेश नहीं कर सके।
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खाना सप्लाई करते मिला युवक
इधर, आरपीएफ आरपीएफ ने सिविल लाइन के सेलेब्रेशन द फूड जंक्शन पर दबिश दी, जहां पर ऑनलाइन खाना सप्लाई करने की अनुमति थी। वहीं मुख्य स्टेशन पर गाड़ी संख्या 12167 पर एक व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से खाना सप्लाई करते पकड़ा। जिसने परंपरा रेस्टोरेंट चौथापुल से खाना लाना बताया है। ये रेस्टोरेंट आईआरसीटीसी का ऑनलाइन ऑर्डर लेने के लिए अधिकृत है। वहीं जांच के दौरान वेंडर के पास कार्ड न होने पर रेल अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। जांच के दौरान धानवी के पास आनलाईन खाना सप्लाई करने से जुड़ी स्वीकृति नहीं मिली।