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अलग-अलग हिस्सों में बंटा थर्ड फ्रंट, बसपा-गोंडवाना ने मिलकर बढ़ाई ताकत

भाजपा-कांग्रेस के बागी के साथ तीसरा मोर्चा बन सकता है चुनौती

नरेश भगोरिया- भोपाल। चुनावी रण में नाम वापसी क बाद भाजपा और कांग्रेस ने दूसरी पार्टियों या निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर निष्कासन की कार्रवाई की है। ये बागी तो अपनी पार्टियों को नुकसान पहुंचा ही सकते हैं लेकिन दो दल वाले चुनाव में इस बार तीसरे मोर्चे के समीकरण भी बदले हुए हैं। विधानसभा चुनाव के लिए इस बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा)और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने हाथ मिलाया है। बहुजन समाज पार्टी प्रदेश में तीसरी ताकत के रूप में हमेशा मौजूद रही है। बसपा के विधायकों की संख्या भले ही कम रही लेकिन कई सीटों पर उनके प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस को पीछे भी किया है। बसपा का जनाधार ग्वालियर चंबल संभाग, विंध्य और बुंदेलखंड की कुछ सीटों पर है तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी महाकौशल के जिलों में मौजूदगी दर्ज कराती रही है। गठबंधन के नेता करीब एक दर्जन सीटों पर जीत का गणित लगा रहे हैं।

कांग्रेस-सपा की जमी नहीं

दरअसल, 2018 के चुनाव में सपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन हुआ था। दोनों दलों का यह मेल कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाया। इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस और सपा की सीट शेयरिंग पर बात नहीं जम पाई। आम आदमी पार्टी ने 66 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। विंध्य जनता पार्टी ने भी विंध्य अंचल में अलग झंडा उठाया है। ऐसे में तीसरा मोर्चा धड़ों में बंटा है लेकिन बसपा और जीजीपी का गठबंधन खुद को बेहतर स्थिति में बता रहा है।

इन सीटों पर बसपा-जीजीपी के गठजोड़ के समीकरण

देवसर : सिंगरौली जिले की देवसर सीट पर पिछली बार सुभाष राम चरित्र विधायक चुने गए थे। इस सीट पर बसपा ने 14,464 और जीजीपी ने 18,320 वोट हासिल किए थे। दोनों के वोट का योग 32,784 होता है। जबकि कांग्रेस की हार का अंतर 10,678 ही था।

नागौद : इस बार भी रोचक हो सकता है। बसपा के रामबिहारी कोे 22,428 वोट मिले थे। जीत हार का अंतर 1,234 था। यादवेंद्र सिंह इस बार बसपा प्रत्याशी हैं। जबकि निर्दलीय 25700 वोट लेने वालीं डॉ. रश्मि सिंह इस बार कांगे्रस उम्मीदवार हैं।

मैहर : सतना जिले की इस सीट पर बसपा ने 18,418 और गोंडवाना ने 33,397 वोट हासिल किए थे। सपा प्रत्याशी ने भी 11000 वोट लिए थे। यहां से भाजपा के नारायण त्रिपाठी 2984 वोटों से जीते थे। अब नारायण खुद की विंध्य जनता पार्टी से प्रत्याशी हैं।

जबेरा : इस सीट पर बसपा प्रत्याशी ने 10,335 और गोंडवाना प्रत्याशी ने 10490 वोट हासिल किए। यहां जीत-हार का अंतर तीन हजार वोटों से रहा।

पवई : इस सीट पर बसपा 14381, सपा 22,384 और गोंडवाना ने 9913 वोट हासिल किए थे।

बड़े नेताओं का फायदा गठबंधन को मिलेगा

बसपा में कांग्रेस और भाजपा के कुछ बड़े नेता शामिल हुए हैं। इससे बसपा उत्साहित है। बसपा- गोंडवाना का अपना फिक्स वोट बैंक भी है। गोंडवाना के साथ से ज्यादा फायदा मिल पाए यह उम्मीद कम लगती है। दोनों पार्टियों को इंफ्लूएंस एरिया अलग-अलग है। लेकिन फिर भी इस गठबंधन को पिछली बार से ज्यादा सीटें मिल जाएं यह पूरी गुंजाइश बनी हुई है। -गिरिजा शंकर, वरिष्ठ पत्रकार

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