भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल में फिर गैसकांड : क्लोरीन गैस रिसाव से TI समेत 10 बीमार, 70 परिवारों को शिफ्ट किया

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार रात ईदगाह हिल्स वॉटर फिल्टर प्लांट में क्लोरीन गैस के रिसाव से अफरा-तफरी मच गई। लोगों को आंखों में जलन, तेज खांसी के साथ उल्टी की शिकायत और सांस फूलने लगी। 10 से ज्यादा लोगों को हमीदिया में भर्ती कराया गया है। आनन-फानन में नाले के किनारे रहने वाले 70 से ज्यादा परिवारों को शिफ्ट करना पड़ा। घटना की सूचना मिलने पर मंत्री विश्वास सारंग और महापौर मालती राय हमीदिया अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना।

सिलेंडर का खुल गया था जोड़, रातभर खौफ में रहे लोग

सूचना मिलने के बाद फायर फाइटर्स मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ब्रीथिंग ऑपरेटर (बीए) सेट पहनकर लीकेज बंद करने की कोशिश की, लेकिन सिलेंडर का जॉइंट खुल गया था, ऐसे में क्रेन से डेढ़ टन वजनी सिलेंडर को पांच फीट गहरे वॉटर टैंकर में डाला गया। जिससे क्लोरीन हवा में मिलने के बजाए पानी में घुलने लगी। साथ ही गैस का असर कम करने टैंक में चूना डाला गया। क्लोरीन गैस रिसने से लोगों की रात खौफ में कटी। हालांकि, गुरुवार सुबह पूरी तरह से स्थिति नियंत्रित हो गई है। अब गैस का असर नहीं है।

रात में मंत्री विश्वास सारंग, महापौर मालती राय फिल्टर प्लांट पहुंचे थे।

अधिकारी मौके पर पहुंचे

सूचना मिलते ही महापौर मालती राय, कलेक्टर अविनाश लवानिया, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी देर रात मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से बातचीत की। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जब तक क्लोरीन पूरी तरह घुल नहीं जाती है, निगम का कोई कर्मचारी-अधिकारी नहीं जाएगा। सुरक्षा बल भी तैनात किया है।

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सड़कों पर आए लोग, मांगा मुआवजा

इधर, जब लोगों को मालूम हुआ कि फिल्टर प्लांट से क्लोरीन का रिसाव हुआ था तो लोग सड़क पर आ गए और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लोगों का कहना था कि उनके घरों में बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो गए हैं। कई लोगों को अस्पताल लेकर जाना पड़ा है। आंखें सुर्ख लाल हो रही हैं। कई लोगों को चक्कर आ रहे हैं और उल्टियां हो रही हैं। ऐसे में नगर निगम को मुआवजा देना चाहिए।

पहले भी हो चुका है क्लोरीन का रिसाव

  • 23 अगस्त 2011 को श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में क्लोरीन रिसाव के दौरान 200 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे थे। जबकि 70 लोगों को भर्ती करना पड़ा था।
  • 29 अगस्त 2015 में बागसेवनिया अहमदपुर में नर्मदा प्लांट में क्लोरीन रिसी थी। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा फायर कर्मी बीमार हुए थे।
  • 20 जुलाई 2018 को श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में फिर क्लोरीन।

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एक सिलेंडर में होती है 900 किलो क्लोरीन

गौरतलब है कि एक क्लोरीन सिलेंडर का वजन डेढ़ टन होता है, जिसमें 900 किलो क्लोरीन गैस लिक्विड फॉर्म में भरी होती है। जबकि ये सिलेंडर के नोजल से गैस फॉर्म में निकलती है। फिल्टर प्लांट में सिलेंडर से दस दिनों तक पानी का ट्रीटमेंट होता है।

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