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Raksha Bandhan 2024 : रक्षाबंधन का त्योहार आज, जानें भद्रा काल के बाद राखी बांधने का सही मुहूर्त

Raksha Bandhan 2024 : आज रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार मनाया जा रहा है। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भाई-बहन का ये खास पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन पर दोपहर 1.30 बजे तक भद्रा रहेगी। इस वजह से राखी बांधने का मुहूर्त 1.30 बजे के बाद ही शुरू होगा। भद्रा खत्म होने के बाद से सूर्यास्त तक बहनें कभी भी अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया

इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया है। 19 अगस्त को सुबह में 5 बजकर 53 मिनट पर भद्रा काल (Bhadra Kaal) शुरू होगा और दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। हालांकि, इस भद्रा का वास पाताल लोक में होगा और कई विद्वानों का मत है कि भद्रा का वास पाताल या फिर स्वर्ग लोक हो तो पृथ्वी पर रहने वाले के लिए अशुभ नहीं होती है। कई शुभ कार्यों में भद्रा के पाताल में वास करने को भी नजरअंदाज नहीं किया जाता है।

राखी बांधने के शुभ मुहूर्त

19 अगस्त को राखी बांधने का सबसे खास मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगा, आप उसमें राखी बंधवा सकते हैं। इसके अलावा, आप शाम के समय प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस दिन शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 07 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा।

रक्षाबंधन पर 3 शुभ योग

  1. शोभन योग : पूरे दिन रहेगा।
  2. सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह  5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक
  3. रवि योग : सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक

रक्षाबंधन पर पंचक

रक्षाबंधन वाले दिन शाम के समय में पंचक भी लग रहा है। पंचक 19 अगस्त को शाम 7 बजे से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 5 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। पंचक सोमवार को लग रहा है, जो राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है। यह शुभ होता है।

भद्राकाल में राखी बांधना वर्जित क्यों ?

भद्राकाल का समय अशुभ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं। ऐसी मान्यता है कि जब माता छाया के गर्भ से भद्रा का जन्म हुआ तो समूची सृष्टि में तबाही होने लगी और वह सृष्टि को तहस-नहस करते हुए निगलने लगीं। सृष्टि में जहां पर भी किसी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न होता भद्रा वहां पर पहुंच कर सब कुछ नष्ट कर देती। इस कारण से भद्रा काल को अशुभ माना गया है। ऐसे में भद्रा काल होने पर राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसके अलावा भी एक अन्य कथा है। रावण की बहन ने भद्राकाल में राखी बांधी जिस कारण से रावण के साम्राज्य का विनाश हो गया है। इस कारण से जब भी रक्षा बंधन के समय भद्राकाल होती है उस दौरान राखी नहीं बांधी जाती है।

राखी बांधने का सही तरीका

  • राखी बांधने के लिए सबसे पहले थाली में रोली, अक्षत, मिठाई और राखी रखें।
  • अब सबसे पहले अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। इस हाथ पर राखी बांधना शुभ शगुन माना जाता है।
  • फिर उसे मिठाई खिलाएं और आरती उतारें, इसके साथ ही उसकी सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
  • इस दौरान भाइयों को अपनी बहनों के पैर छूने चाहिए।

(नोट : यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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