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गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई : पटना में आरोपी विकास उर्फ राजा एनकाउंटर में ढेर, पूछताछ करने गई पुलिस पर की थी फायरिंग

पटना। चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पटना पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। मंगलवार तड़के पटना सिटी के मालसलामी इलाके में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें वांछित अपराधी विकास उर्फ राजा मारा गया। विकास पर खेमका हत्याकांड में शामिल होने और शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप था। पुलिस की इस कार्रवाई से केस के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की उम्मीदें और तेज हो गई हैं।

कैसे हुआ एनकाउंटर

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, पुलिस की टीम मंगलवार सुबह करीब 4 बजे विकास उर्फ राजा को पकड़ने उसके घर मालसलामी पहुंची थी। इसी दौरान विकास ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से वह मौके पर ही ढेर हो गया। एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल राजा का सीधा संबंध खेमका हत्याकांड से नहीं दिख रहा, लेकिन वह पूछताछ की कड़ी में शामिल था।

कुख्यात शूटर के रूप में जाना जाता था राजा

विकास उर्फ राजा का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में सामने आ चुका था। वह कुख्यात शूटर के रूप में जाना जाता था और हत्या, लूट, और अवैध हथियार रखने जैसे मामलों में वांछित था। खेमका हत्याकांड में उसकी संलिप्तता इसलिए भी संदिग्ध थी क्योंकि उसने आरोपी उमेश को हथियार सप्लाई किया था।

उमेश की गिरफ्तारी से खुला राज

इससे पहले सोमवार को पुलिस ने मालसलामी से ही शूटर उमेश उर्फ विजय को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उमेश ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि खेमका की हत्या की सुपारी 10 लाख रुपये में दी गई थी और उसे एक लाख एडवांस में दिए गए थे। उमेश के पास से घटना में इस्तेमाल बाइक, पिस्टल, 80 कारतूस, दो मोबाइल और एक लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं।

हत्या के पीछे सुनियोजित नेटवर्क

खेमका की हत्या को एक सोची-समझी सुपारी किलिंग माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस हत्याकांड की साजिश पटना के बेऊर जेल से रची गई थी, जहां से मुख्य आरोपी अजय वर्मा पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। अजय और उमेश दोनों का संपर्क जेल में बंद अपराधी नियाज से भी था। पुलिस इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।

उदयगिरी अपार्टमेंट से हिरासत में तीन संदिग्ध

उमेश की निशानदेही पर पुलिस और STF की टीम ने कोतवाली थाना क्षेत्र के उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 पर छापा मारा, जहां से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। माना जा रहा है कि हत्या के बाद उमेश इसी अपार्टमेंट में कुछ घंटे तक रुका था और फिर वहां से भाग गया।

4 जुलाई को अपार्टमेंट गेट पर मारी गई गोली

4 जुलाई की रात व्यवसायी गोपाल खेमका को पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र के कटारुका निवास के बाहर गोली मार दी गई थी। वो बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे, तभी घात लगाए अपराधियों ने सिर में गोली मार दी। पास के अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना गांधी मैदान थाने से महज 300 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए।

CCTV फुटेज और भागने का रूट

CCTV फुटेज में एक अपराधी खेमका को गोली मारकर बाइक से भागता हुआ दिख रहा है। फुटेज के अनुसार, अपराधी फ्रेजर रोड, आर ब्लॉक, अटल पथ होते हुए जेपी सेतु के रास्ते सोनपुर की ओर भागा था। पूरी घटना सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई थी।

कौन थे गोपाल खेमका?

गोपाल खेमका बिहार के टॉप व्यवसायियों में शामिल थे। उन्होंने अशोक राजपथ पर एक छोटी सी दवा दुकान से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी और फिर मगध हॉस्पिटल की स्थापना की। वर्तमान में उनके व्यवसाय की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा आंकी जाती है। वे रोटरी इंटरनेशनल से भी जुड़े रहे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

पुलिस कर रही मास्टरमाइंड की तलाश

अब पुलिस की पूरी कोशिश इस हत्याकांड के पीछे छिपे मास्टरमाइंड तक पहुंचने की है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और जल्द ही पुलिस इस हाई-प्रोफाइल केस का पूरा खुलासा कर सकती है। मंगलवार को पुलिस प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले से जुड़ी अहम जानकारी सार्वजनिक कर सकती है।

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