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इंदौर : बढ़ती आबादी के लिए जलसंकट से निपटने को तैयार नगर निगम, 2050 तक 400 एमएलडी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी नर्मदा परियोजना का चौथा फेज

इंदौर। शहर की बढ़ती आबादी और जल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम इंदौर ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर 2050 तक पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अमृत 2.0 योजना के तहत करीब 2,000 करोड़ रुपए की लागत से नर्मदा परियोजना के चौथे फेज के लिए पाइपलाइन और अन्य संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।

400 एमएलडी पानी की आपूर्ति का लक्ष्य

इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में 38 नई पानी की टंकियां बनाई जाएंगी। साल 2028 तक इस योजना के पूरी तरह से लागू हो जाने पर इंदौर को नर्मदा से 400 एमएलडी पानी मिलने लगेगा। इस नई व्यवस्था के माध्यम से शहर की बढ़ती जनसंख्या की जल आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।

2050 तक 90 लाख की आबादी की जरूरतों पर नजर

नगर निगम इंदौर ने मेसर्स डीआरए कन्सलटेन्ट लिमिटेड, नागपुर की मदद से शहर के जल आपूर्ति की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। इसमें 2025, 2040 और 2055 की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 90 लाख की आबादी का आकलन किया गया है। वर्तमान में नर्मदा परियोजना के तीन फेज और यशवंत सागर से 570 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है।

जलूद से इंदौर तक बिछेगी पाइपलाइन

इस योजना के तहत जलूद में 1650 एमएलडी का नया इनटेक वेल बनाया जाएगा और जलूद से ग्राम भकलाय तक 2235 मिमी व्यास की रॉ वॉटर पंपिंग पाइपलाइन बिछाई जाएगी। पुराने पंपों को बदलकर नए पंप लगाए जाएंगे। साथ ही 11, 33 और 132 केवी के विद्युत सब स्टेशन भी बनाए जाएंगे, ताकि पानी की सप्लाई बाधित न हो। गांव भकलाय में 400 एमएलडी क्षमता के एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण भी किया जाएगा।

राज्य सरकार की हिस्सेदारी 83 फीसदी

नर्मदा परियोजना के चौथे फेज के लिए अमृत 2.0 योजना के तहत शासन द्वारा 1,142.51 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 83% (948.29 करोड़ रुपए) है, जबकि 17% (194.22 करोड़ रुपए) की हिस्सेदारी नगर निगम की होगी। शेष राशि नगर निगम द्वारा लोन के माध्यम से जुटाई जाएगी।

यह योजना केंद्र सरकार के 58%, राज्य सरकार के 25%, और नगर निगम इंदौर के 17% हिस्से के वित्तीय सहयोग से पूरी होगी। योजना की कुल लागत 1,855.97 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट से इंदौर के जल आपूर्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में बड़ी मदद मिलेगी।

इनपुट- सादिक हुसैन अब्बासी

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