
बाल श्रम एक बहुत बड़ा अपराध है, इसके बावजूद भी आज बाल श्रम देश-दुनिया में एक आम बात है। बाल श्रम को रोकने के लिए ही हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य बच्चों से मजदूरी ना कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने और आगे बढ़ाने के लिए जागरूक करना है।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत
- इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने 19 साल पहले यानि सन् 2002 से वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे मनाने की शुरुआत की।
- हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है।
- बढ़ते बाल श्रम को देखते हुए इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया।
- कोरोना काल के दौरान 2021 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 16 करोड़ बच्चे बाल श्रम की चपेट में हैं।
क्या होता है बाल श्रम
बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारीरिक कार्य कराना है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार – 18 वर्ष से कम उम्र के श्रम करने वाले लोग बाल श्रमिक हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार – बाल श्रम की उम्र 15 साल तय की गई है।
- अमेरिका में – 12 साल या उससे कम उम्र के लोगों को बाल श्रमिक माना जाता है।
इस साल की थीम
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2022 की थीम है, ‘यूनिवर्सल सोशल प्रोटेक्शन टू एंड चाइल्ड लेबर’ मतलब ‘बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण।’
152 मिलियन बच्चे करते हैं मजदूरी
कोरोना महामारी के कारण कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई। जिसकी वजह से बहुत लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई, साथ ही कई बच्चों पर भी इसका असर हुआ। ऐसी स्थिति में बहुत बच्चों को बाल श्रम में धकेला गया। ILO की एक रिपोर्ट के अनुसार, 152 मिलियन बच्चे मजदूरी करते हैं, जिसमें से 73 मिलियन बच्चे खतरनाक काम करते हैं। इनमें निर्माण कार्य, खेती, माइंस और फैक्ट्रियों में काम करते हैं।
किन – किन रूपों में होता है बाल श्रम ?
- बाल मजदूर – वे बच्चे जो कारखानों, कार्यशालाओं, प्रतिष्ठानों, खानों और घरेलू श्रम जैसे सेवा क्षेत्र में मज़दूरी या बिना मज़दूरी में काम कर रहे हैं।
- गली – मोहल्ले के बच्चे – कूड़ा बीनने वाले, अखबार और फेरी लगाने वाले और भीख मांगने वाले।
- बंधुआ बच्चे – वे बच्चे जिन्हें या तो उनके माता-पिता ने पैसों की ख़ातिर गिरवी रखा है या जो कर्ज़ को चुकाने के चलने मज़बूरन काम कर रहे हैं।
- वर्किंग चिल्ड्रन – वे बच्चे जो कृषि में और घर-गृहस्थी के काम में पारिवारिक श्रम का हिस्सा हैं।
- यौन शोषण के लिए इस्तेमाल किए गए बच्चे – हजारों बालिक बच्चे और नाबालिक लड़कियां यौन शोषण की जद में हैं।
- घरेलू गतिविधियों में लगे बच्चे – घरेलू सहायता के रूप में काम। इसमें लड़कियों का शोषण सबसे ज़्यादा है – बच्चे छोटे भाई-बहनों की देखभाल, खाना पकाने, साफ-सफाई और ऐसी अन्य घरेलू गतिविधियों में लगे हुए हैं।
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