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26/11 Mumbai Attack: जब आतंकियों की कायराना हरकत से कांप उठी थी मायानगरी, तीन दिन तक चला था खूनी खेल

26 नवंबर 2008 की उस खौफनाक रात को आज 13 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन आज भी उस काले दिन को याद कर लोगों की रूह कांप उठती है। रोज की तरह उस दिन भी मार्केट में चहल-पहल थी, कुछ लोग अपने प्रियजनों के साथ मरीन ड्राइव पर समुद्र से आ रही ठंडी हवा का लुत्फ ले रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे शाम से रात होने लगी सबकुछ बदल गया। हर कहीं अफरा-तफरी मच गई, लोगों की चीख-पुकार सुनने को मिल रही थी।

पाकिस्तान से आए थे जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादी

उस दिन पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। जिसमें 18 सुरक्षाकर्मी समेत 166 लोग मारे गए थे। वहीं करीब 300 लोग घायल हो गए थे। आज भले ही उस दिन को 13 साल पूरे हो गए, लेकिन कोई चाह कर भी इतिहास के उस काले दिन को नहीं भूला सकता।

अजमल कसाब

समुद्री रास्ते से मुंबई में हुए थे दाखिल

हमले से तीन दिन पहले यानी 23 नवंबर को 10 हमलावर कराची से नाव के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए। रात के तकरीबन आठ बजे ये हमलावर कोलाबा के पास कफ परेड के मछली बाजार पर उतरे। वहां से चार ग्रुपों में बंट गए और टैक्सी लेकर अपने-अपने टारगेट की तरफ बढ़ चले। बता दें कि जिस नाव से आतंकी आए थे वह भी भारतीय थी और आतंकियों ने उस पर सवार चार भारतीयों को मौत के घाट उतारते हुए उस पर कब्जा किया था।

शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर हुई गोलीबारी

शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर हुई गोलीबारी

पुलिस को रात के 09.30 बजे छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर गोलीबारी की खबर मिली। रेलवे स्टेशन के मुख्य हॉल में दो आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी फायरिंग शुरू कर दी। इनमें से एक मोहम्मद अजमल कसाब था जिसे फांसी दी जा चुकी है। दोनों हमलावरों ने एके47 राइफलों से 15 मिनट गोलीबारी की। जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

टैक्सी को बम से उड़ा दिया गया

विले पारले में बम ब्लास्ट

रात 10.30 बजे खबर मिली कि विले पारले इलाके में एक टैक्सी को बम से उड़ा दिया गया है जिसमें ड्राइवर और एक यात्री मारा गया है। वहीं करीब 15-20 मिनट पहले ही बोरीबंदर से भी इसी तरह के धमाके की खबर मिली थी। जिसमें एक टैक्सी ड्राइवर और दो यात्रियों की मौत की संभावना जताई गई थी। इन हमलों में तकरीबन 15 घायल हुए थे।

कई नामचीन जगहों पर हुई गोलीबारी

आतंकियों ने साल 1871 से मेहमानों की खातिरदारी कर रहे दक्षिणी मुंबई के लियोपोल्ट कैफे को भी निशाना बनाया गया था। मुंबई के नामचीन रेस्त्राओं में से एक इस कैफे में हुई गोलीबारी में 10 लोग मारे गए। जिनमें कई कई विदेशी भी शामिल थे।

ताज होटल

ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस

भारतीय इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक इस हमले में मुंबई के फेमस होटल भी शामिल थे। 26/11 के तीन बड़े मोर्चों में मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था। हमले के समय ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में हमलों की पहचान बन गया। हमले के वक्त ताज होटल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर यूरोपीय संघ की संसदीय समिति के कई सदस्य भी शामिल थे, हालांकि इनमें से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

मीडिया की कवरेज से मिली मदद

हमले की अगली सुबह यानी 27 नवंबर को खबर मिली कि ताज होटल के सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया है। लेकिन बाद में पता चला कि कुछ लोग अभी भी आतंकियों के कब्जे में हैं, जिनमें कई विदेशी भी शामिल हैं। मीडिया की लाइव कवरेज से आतंकवादियों को खासी मदद मिली क्योंकि उन्हें सुरक्षा बलों की हर हरकत के बारे में टीवी पर पता चल रहा था। हमलों के दौरान दोनों ही होटल रैपिड एक्शन फोर्ड (आरपीएफ), मरीन कमांडो और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो से घिरे रहे।

गर्भवती महिला पर भी हुआ अटैक

दो हमलावरों ने मुंबई में यहूदियों के मुख्य केंद्र नरीमन हाउस को भी अपने कब्जे में कर रखा था। एनएसजी के कमांडोज ने नरीमन हाउस पर धावा बोला और घंटों चली लड़ाई के बाद हमलावरों को मार गिराया, लेकिन एक एनएसजी कमांडो भी शहीद हो गए। हमलावरों ने इससे पहले ही रब्बी गैव्रिएल होल्ट्जबर्ग और छह महीने की उनकी गर्भवती पत्नी रिवकाह होल्ट्जबर्ग समेत कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। बाद में सुरक्षा बलों को वहां से कुल छह बंधकों की लाशें मिली।

3 दिन तक आतंकियों से जूझते रहे सुरक्षा बल

29 नवंबर की सुबह तक नौ हमलावर आतंकियों का सफाया हो चुका था और अजमल कसाब के तौर पर एक हमलावर पुलिस की गिरफ्त में था। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ चुकी थी लेकिन लगभग 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी। तीन दिन तक सुरक्षा बल आतंकवादियों से जूझते रहे। इस दौरान, धमाके हुए, आग लगी, गोलियां चली और बंधकों को लेकर उम्मीद टूटती जुड़ती रही। इस हमले में कई लोग घायल हो गए।

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